View Cart “नवरात्रे पूजन” has been added to your cart.

राहू केतु गोचर पूजा

 5,100.00

Product Description

राहू और केतु यह दोनों ग्रह ही छाया ग्रह बोले जाते हैं. सामान्य ब्रहामंड में तो इन दोनों ग्रहों को कोई भी अधिक महत्व नहीं देता है किन्तु वहीँ ज्योतिष के की दुनिया में इन ग्रहों पर ज्योतिषाचार्य काफी ध्यान देते हैं.  ज्योतिष कहता है कि जब राहू और केतु दोनों ग्रह आपस में एक साथ आकर कुंडली में विराजमान होते हैं तो तब उस व्यक्ति का सबसे बुरा समय शुरू हो जाता है. राहू और केतु दोष उतना ही खतरनाक बताया जाता है जितना खतरनाक काल सर्प दोष होता है. व्यक्ति के कुंडली में यदि राहू और केतु का गोचर अर्थात दोनों का नकारात्मक सम्बन्ध बन जाता है तो उसके बाद वह व्यक्ति सड़क पर भी आ सकता है.

समस्या यह है कि इस गोचर पर अधिकतर लोग ध्यान नहीं देते हैं. राहू-केतु काई बार कुंडली में शिखर पर विराजमान हो जाते हैं और तब बाकी सभी ग्रह इनके नीचे होते हैं. तब कोई भी ग्रह इन दोनों शत्रु ग्रहों से लड़ नहीं पाता है. इनकी छाया की वजह से तब व्यक्ति को अपार धन की हानि हो सकती है, बने बनाये व्यापार पल भर में डूब जाते हैं. इसलिए बोला जाता है कि समय-समय पर हर व्यक्ति को अपने कुंडली की जांच कराकर राहू-केतु ग्रहों की स्थिति का आंकलन करा लेना चाहिए.

यदि किसी व्यक्ति को राहू-केतु ग्रहों से हानि हो रही होती है तब उस स्थिति में गोचर पूजा का आयोजन कराकर इन ग्रहों को शांत कराया जाता है. योर फार्च्यून की मदद से आप राहू-केतु गोचर पूजा को आसानी से कराकर अपने कष्ट से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं.