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हस्तरेखा अध्ययन

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Product Description

हाथों की रेखाएं भी बोलती हैं लेकिन बस उनको पढ़ने का हुनर होना चाहिए। ये जो रेखायें आपको उल्टी-सीधी लगती हैं यह रेखायें आपका भविष्य छुपाये हुए हैं। कहावत है कि व्यक्ति के हाथ में लक्ष्मी जी और सरस्वती जी दोनों देवियों का वास होता है। आप अगर इन देवियों को अपने हाथों की लकीरों में नहीं देख पा रहे हो तो इसमें गलती आपकी है। हस्तरेखा अध्ययन व्यक्ति को ऐसी नजर नजर प्रदान करता है कि वह हाथों की लकीरों में इन देवियों के दर्शन करने लगता है।

हाथों की लकीरें व्यक्ति के वर्तमान, भूत और भविष्य पर प्रकाश डालती हैं। हथेली पर बनीं, हाथों की रेखाओं को पढ़कर, जब व्यक्ति के व्यक्तित्व और उसके जीवन को देखा जाता है तब इसे हस्तरेखा अध्ययन बोलते हैं। भारत के वेदों में सर्वप्रथम इस विद्या का आविष्कार किया था। आज यह विद्या भारत के अलावा चीन और रोम में खासी चल रही है। भारत में हस्तरेखा अध्ययन आज सिर्फ सनातन धर्म तक सीमित हो गयी है किन्तु ऐसे कई उदाहरण है कि इस विद्या का प्रयोग एक समय में कई अन्य धर्म के लोग भी करते थे।