लक्ष्मी कुबेर यज्ञ

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देवी लक्ष्मी को शास्त्रों में धन की देवी बताया गया है. यदि कोई इन्सान धन को लेकर दुखी है तो इसका मुख्य कारण लक्ष्मी देवी ही बताई जाती है. हम अक्सर शास्त्र अनुसार अन्य देवों की पूजा तो कर लेते हैं किन्तु माता लक्ष्मी जी को नजरअंदाज कर देते हैं. हर सनातनी व्यक्ति साल में बस कुछ एक बार ही लक्ष्मी जी को याद करता है. साल के अंतिम भाग में जब दिवाली आती है तो तभी घर-घर में माता लक्ष्मी जी की पूजा का अनुष्ठान हो पाता है.

साथ ही साथ आपको बता दें कि लक्ष्मी जी के धन ने कोषाध्यक्ष अगर कोई हैं तो वह कुबेर देव जी बताये गये हैं. कुबेर जी की कृपा से भी व्यक्ति के पास धन सम्बंधित सभी कलेश खत्म हो जाते हैं. लक्ष्मी जी के द्वार पर कुबेर जी सदा विराजमान होते हैं. यदि आप लक्ष्मी जी और कुबेर जी दोनों का यज्ञ आयोजन साल में एक से दो बार कराते हैं तो इससे व्यक्ति की धन सम्बंधित सभी समस्याओं का हल आसानी से हो जाता है.

जीवन में सुख-समृद्धि पाने के लिए लक्ष्मी कुबेर यज्ञ का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है. यह यज्ञ हर व्यक्ति और घर के लिए जरुरी होता है. इस यज्ञ की मदद से घर के हर सदस्य की धन सम्बंधित समस्याओं का अंत बड़ी आसानी से हो जाता है. यदि आपके जीवन में धन से जुड़ी हुई समस्याएँ व्याप्त हैं तो आपको योर फार्च्यून की मदद से लक्ष्मी और कुबेर यज्ञ जल्द से जल्द करा लेना चाहिए. इस पूजा को संपन्न करने के लिए तीन ब्राह्मणों की आवश्यकता होती है और साथ ही साथ योर फार्च्यून के ब्राह्मण कुछ चार घंटों में इस पूजा को संपन्न करा देते हैं.