कुंडली जांच सेवा
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सनातन धर्म में कुंडली का विशेष महत्व होता है. कोई भी बालक जन्म लेता है तो तभी उसके जन्म का समय लिख लिया जाता है. इसके बाद उसके जन्म समय और तिथि के आधार पर ग्रहों की चाल देखी जाती है. तब ज्योतिषाचार्य उस बालक की कुंडली का निर्माण करते हैं. कुंडली के आधार पर ही उस बालक का व्यवहार तय होता है और उसके भविष्य का आंकलन भी किया जाता है.
कुंडली के अंदर अलग-अलग घर बने होते हैं और हर घर का एक स्वामी ग्रह होता है. एक घर धन का होता है, एक घर व्यवसाय का होता है, एक घर सुख का होता है, एक घर प्रेम का होता है और इसी तरह से कुंडली के अन्दर 12 घर होते हैं. अब किस घर में कौन-सा ग्रह विराजमान है इसको देखा जाता है. अगर घर के हिसाब से ग्रह सही है तो व्यक्ति के लिए अच्छा समय होता है और अगर ग्रह अनुकूल नहीं होते हैं तो व्यक्ति का समय सही नहीं होता है.
तो इस तरह से कुंडली को देखकर ज्योतिषाचार्य व्यक्ति के भविष्यफल का आंकलन करते हैं और अपने सुझाव देते हैं. कुंडली के अनुसार ही व्यक्ति का जीवन चल रहा होता है. व्यक्ति के जन्म से लेकर व्यक्ति की मृत्यु तक की जानकारी कुंडली में होती है. किस तरह का व्यापार व्यक्ति को करना चाहिए या किस काम को करने से व्यक्ति बन जायेगा धनवान, चाहे घर में हो पति का कलेश या प्रेम संबंधों की बात हो या फिर स्वास्थ्य की बात हो, आपकी हर तरह की समस्या का हल आपकी कुंडली में मिल जायेगा.