दुनिया को अचरज में डालने वाले भारत के 10 ज्योतिषाचार्यों के नाम
ज्योतिषाचार्यों के नाम – भारत के इतिहास में कई ऐसे प्रतिभाशाली ज्योतिषाचार्य हैं जिन्होंने अपनी बुद्धि और ज्ञान से पूरी दुनिया को अचरज में डाल दिया है।
आज हम आपको कुछ ऐसे ज्योतिषाचार्यों के नाम और उनके बारे में बताएंगें जिन्हें ब्रंह्मांड से लेकर पाताल लोक तक की जानकारी थी।
ज्योतिषाचार्यों के नाम –
1 – आर्यभट्ट
आर्यभट्ट को दुनिया प्रथम गणितज्ञ के रूप में जानती है। ज्योतिष का इतिहास इन्हीं से जुड़ा हुआ है। आर्यभट्ट का आर्यभटीय तंत्र सबसे प्राचीन ज्योतिष ग्रंथों में से एक है। आर्यभट्ट के इस ग्रंथ में तारों और सूर्य की स्थिरता और पृथ्वी के घूमने का वर्णन किया है।
2 – वराहमिहिर
ज्योतिषशास्त्र को सिंद्धांत, संहित और होरा की स्पष्ट रूप से व्याख्या करने वाले वराहमिहिर ही पहले आचार्य थे। वराहमिहिर को भारतीय ज्योतिष का मार्तण्ड कहा जाता है। ज्योतिषशास्त्र, संहिता और सिद्धांत को वराहमिहिर ने और भी अधिक व्यवस्थित कर उसे वैज्ञानिक रूप प्रदान किया है।
3 – पृथुयश
आचार्य वराहमिहिर के पुत्र पृथुयश भी भारत के महान ज्योतिषाचार्यों में से एक हैं। इन्होंने विरचित षट्पंचाशिका के फलित ज्योतिष की रचना की थी। इस ग्रंथ में सात अध्याय हैं।
4 – कल्याण वर्मा
इनके द्वारा लिखी गई सारावली होराशास्त्र का प्रमुख ग्रंथ है। साथ ही इनका शकाब्द 500 के आसपास है। कहते हैं कि कल्याण वर्मा जी को देवी सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त था।
5 – लल्लाचार्य
ज्योतिष के प्रसिद्ध सिद्धांत शिष्यधीवृद्धितंत्र की रचना लल्लाचार्य ने की थी। इन्हें दक्षिणात्य भी कहा गया है। गणित, जातक और संहिता में लल्लाचार्य निपुण थे।
6 – भास्कराचार्य
भास्कराचार्य ने महाभास्करीय और लघुभास्करीय नामक दो ग्रंथों की रचना की थी। आर्यभटीय तंत्र की व्याख्या भी भास्कराचार्य ने ही की थी।
7 – ब्रह्मगुप्त
ब्रह्मगुप्त ने ब्राह्मसिद्धांत का विस्तार किया था एवं वह भारत के महान गणितज्ञ और आचार्य थे। भास्कराचार्य ने इन्हें गणचक्र चूडामणि कहा है। ये विष्णु के पुत्र माने जाते हैं।
8 – श्रीधराचार्य
श्रीधराचार्य का नाम बीजगणित के ज्योतिर्विदों में सर्वमान्य है। प्रसिद्ध ग्रंथ त्रिशतिका बीजगणित, जातक पद्धति और रत्माला की रचना श्रीधराचार्य ने ही की थी।
9 – वित्तेश्वर
वित्तेश्वर ने करण सार नामक ग्रंथ की रचना की थी जोकि काफी प्रसिद्ध था। यह ग्रंथ आर्यभट्ट के सिद्धांतों का अनुगमन करता है।
10 – मुंजाल
ज्योतिष की दुनिया में अपना महान योगदान देने वाले मुंजाल ने लघुमानस ग्रंथ की रचना की थी। अयनांशनिष्पण में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
ये है ज्योतिषाचार्यों के नाम – भारत के इन महान ज्योतिषियों और ज्योतिर्विदों ने हिंदू ज्योतिष को एक नई दिशा प्रदान की है। इनके कारण ही आज ज्योतिष का इतना विकास हो पाया है।