ऐसे पाये निरोगी काया और माया का वरदान !
सदियों से ये कहावत चली आ रही है कि निरोगी काया ही सबसे बड़ा धन है और धन के बिना जीवन संभव नहीं है यानि की निरोगी काया और धन, दोनों ही सुखी जीवन के लिए बहुत जरूरी है।
अगर शरीर रोगी है तो आप धन नहीं कमा पाएंगे या जो कमाएंगें वो भी सारा रोग के ईलाज में खर्च हो जाएगा। शरीर स्वस्थ रहेगा तभी आप अपने धन का कोई लाभ उठा पाएंगें और धन से निरोगी काया नहीं पाई जा सकती है। जीवन में ऐसे 4 कारण होते हैं जो व्यक्ति को रोगी बना देते हैं – पहला है मौसम में बदलाव, दूसरा है खानपान, तीसरा है चिंता और क्रोध और चौथा कारण है अनिद्रा।
मौसम को तो आप अपने वश में नही कर सकते किंतु बाकी कारणों को आप काबू में कर सकते हैं। अच्छे खानपान, योग और चिंता से मुक्त होकर आप अपने शरीर को स्वस्थ बना सकते हैं। 24 घंटे में से कम से कम 1 घंटा शरीर को स्वस्थ होने के लिए दें। योग करें, तैराकी करें या पैदल चलें, शरीर स्वस्थ रहेगा तो आपको जीवन खुशहाल रहेगा।
अब बात करते हैं माया यानि धन की।
धन के अभाव में जीवन कष्टकारी और दुखपूर्ण हो जाता है। कुछ लोग मेहनत से धन कमाते हैं तो कुछ गलत रास्ते से लेकिन सही और ईमानदारी से कमाया गया धन ही आपके जीवन को संतुष्ट कर सकता है।
बुराई से कमाया गया धन बुराई में ही चला जाता है। गलत तरीके से कमाया गया धन दवाइयों में या अन्य किसी तरह से बर्बाद हो जाता है। धन कमाने का कोई छोटा रास्ता नहीं है। जो मेहनत करेगा उसके पास धन अवश्य आएगा।
आपकी कार्यकुशलता ही आपकी पूंजी है और यही आपको धन कमा कर दे सकती है। मेहनत से कमाए गए धन से ही जीवन को संतुष्टि और मन को सुकुन मिलता है। इसलिए कभी भी छल से पैसा ना कमाएं क्योंकि से आत्मिक और मानसिक शांति नहीं देता है।