शाम की पूजा में ध्यान रखें ये बातें वरना …
शाम की पूजा – ईश्वर की पूजा में ध्यान लगाने से मनुष्य का मन शांत रहता है और इसके साथ ही उसे ईश्वर की कृपा भी प्राप्त होती है। हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के लिए विशेष नियम बनाए गए हैं।
इन नियमों का पालन करने से पूजा का दोगुना फल प्राप्त होता है। शास्त्रों के अनुसार सुबह और शाम दोनों ही प्रहर भगवान की पूजा की जानी चाहिए।
शास्त्रों में उल्लेख है कि शाम की पूजा में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। तो चलिए जानते हैं कि शाम की पूजा के दौरान आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
– सुबह और शाम की पूजा में बहुत अंतर होता है। सुबह की पूजा में शंख और घंटी बजाने से सकारात्मक ऊर्जा फैलती है लेकिन शाम के समय घंटी और शंख नहीं बजाना चाहिए। माना जाता है शाम के समय देवी-देवता शयन करते हैं इसलिए घंटी और शंख की ध्वनि से उन्हें उठाना नहीं चाहिए।
– सुबह के समय भगवान को ताजे फूल और माला अर्पित करना शुभ होता है लेकिन शाम के समय फूल तोड़ना शास्त्रों के विरुद्ध है। इसलिए शाम के समय भगवान को फूल अर्पित ना करें।
– धरती पर गंगा मैया के बाद तुलसी को ही सबसे पवित्र माना गया है। पूजन में तुलसी का प्रयोग करना काफी शुभ माना गया है। भगवान विष्णु और उनके अवतार कृष्णजी को तुलसी बेहद प्रिय है किंतु सूर्य के अस्त होने के बाद शाम की पूजा में तुलसी का प्रयोग ना करें। दिन ढलने के बाद पेड़-पौधों को हाथ नहीं लगाना चाहिए।
– सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देने से कई लाभ मिलते हैं। रोज़ सुबह सूर्योदय के समय सूर्य को जल अर्पित करने का विधान है लेकिन सूर्यास्त के समय कभी भी सूर्य को जल नहीं चढ़ाना चाहिए।
शाम की पूजा – अगर आप भी शाम के समय ईश्वर की आराधना करते हैं तो इन बातों का खास ख्याल रखें अन्यथा हो सकता है कि आपको अपनी पूजा का पूरा फल प्राप्त ना हो।