सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए अपनाये ये पांच नियम !
सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए – सूर्य सफलता के कारक हैं।
उनकी पूजा करने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है और उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए उन्हें अर्घ्य देने का बहुत महत्व है। इसके अलावा सूर्य देव से संबंधित वस्तुओं का दान, उनके मंत्रों का जाप और उनसे संबंधित वस्तुओं से स्नान, सूर्य देव को प्रस्न्न करने के उपायों में शामिल है। कुंडली में सूर्य दोष को कम करने या सूर्य की शांति के लिए पांच नियमों का पालन करना जरूरी होता है।
गोचर के दौरान सूर्य के अशुभ फल से बचने के लिए ये उपाय महत्वपूर्ण होते हैं।
सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए
1 – स्नान का उपाय
यदि गोचर के दौरान आपको सूर्य के अशुभ फल मिल रहे हैं तो आप स्नान के पानी में खसखस या लाल रंग के फूल अथवा केसर डालकर स्नान करें। ये सभी वस्तुएं सूर्य देव से संबंधित हैं। इनसे आप सूर्य के अशुभ प्रभाव से बच सकते हैं साथ ही अनके रोगों से भी मुक्ति मिलती है।
2 – सूर्य की वस्तुओं का दान
किसी भी ग्रह की शांति के लिए उससे संबंधित वस्तुओं का दान किया जाता है। सूर्य दोष को खत्म करने के लिए तांबा, गुड़, गेहूं, मसूर की दाल दान करनी चाहिए। रविवार और सूर्य संक्रांति के दिन इनका दान करने से विशेष फल मिलता है। सूर्य ग्रहण के दिन भी सूर्य से संबंधित वस्तुओं का दान करने से लाभ मिलता है।
3 – सूर्य के मंत्रों का जाप
सूर्य देव के मंत्रों का जाप करके भी आप इसके प्रकोप से बच सकते हैं। प्रतिदिन सूर्य देव के मंत्र – ऊं घूणि: सूर्य आदित्य: का जाप करें। सूर्य देव को समर्पित रविवार के दिन इस मंत्र का जाप करने से सब दुख दूर हो जाते हैं। आप 10, 20 या 108 की संख्या में मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
4 – सूर्य यंत्र की स्थापना
आपको बाज़ार से तांबे का सूर्य यंत्र मिल जाएगा। आपको इसे अपने घर के पूजन स्थल में स्थापित करना है। रोज़ सूर्य यंत्र की पूजा करें और इसे धूप-दीप और नैवेद्य दें।
5 – सूर्य देव का हवन करना
सूर्य की शांति के लिए आप हवन भी करवा सकते हैं। यदि सूर्य के गोचर के दौरान आपको अशुभ फल प्राप्त हो रहे हों तो सूर्य देव का हवन जरूर करवाएं।
सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए – सूर्य देव की कृपा पाने के लिए आप उपरोक्त दिए गए उपाय कर सकते हैं। इससे कुंडली में अशुभ प्रभाव दे रहे सूर्य को बल मिलता है और वह प्रसन्न होकर आपके सब दुख दूर करते हैं।