घर में पूजन स्थल हो तो ध्यान रखें ये बातें !
घर में पूजन स्थल – हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की मूर्ति पूजा का अत्यंत महत्व है। पूजन में मूर्ति पूजा को ही सबसे प्रमुख माध्यम माना जाता है। संसार के प्रत्येक मंदिर के गर्भगृह में ईष्ट देव की मूर्ति अवश्य होती है।
शास्त्रों के अनुसार हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए पूजन के दौरान ईष्ट देव की मूर्ति के दर्शन करना जरूरी होता है। मूर्ति की पूजा करने से मनुष्य को सकारात्मक ऊर्जा और शक्ति मिलती है। भगवान की आराधना करने वाला व्यक्ति अच्छे व नेक पथ पर चलता है।
हिंदू धर्म के अनुसार प्रत्येक घर में एक पूजन स्थल होना चाहिए। इस पूजन स्थल से संबंधित कुछ नियम भी बनाए गए हैं जिनका पालन करना बहुत जरूरी होता है।
अगर आपके घर में पूजन स्थल है तो शास्त्रों के इन नियमों का पालन जरूर करें।
घर में पूजन स्थल –
अलग हो पूजन का कक्ष
अगर आपके घर में स्थान की कमी नहीं है तो आप अलग से पूजन कक्ष बना सकते हैं। पूजन कक्ष के प्रवेश द्वार का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए। कभी भी दंपत्ति के कक्ष में पूजन स्थल नहीं होना चाहिए।
रसोई से दूर रखें मंदिर
कई लोग रसोई में ही मंदिर बना लेते हैं लेकिन शास्त्रों के अनुसार इसे अनुचित माना गया है। रसोई के ठीक विपरीत भी पूजन स्थल नहीं बनाना चाहिए। किचन में डस्टबिन भी रखा जाता है इसलिए यहां ईश्वर की पूजा करना सही नहीं है।
कभी न लगाएं ताला
कई लोग पूजा करने के बाद मंदिर लॉक कर देते हैं लेकिन ऐसा करना शास्त्रों के अनुसार गलत माना जाता है। मंदिर भगवान की पूजा के लिए होता है न कि उन्हें अंदर बंद करने के लिए। मंदिर को खुला रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।
सफाई पर दें ध्यान
रोज़ मंदिर की सफाई करें। मंदिर में रखी मूर्ति और तस्वीरों की सफाई करें। पुराने पुष्पों को बाहर निकालकार नए फूल अर्पित करें।
न लगाएं इनकी तस्वीर
मंदिर में राधाकृष्ण, रुक्मिणी या मीरा की तस्वीर न लगाएं। भगवान कार्तिकेय की फोटो भी उनकी दोनों पत्नियों के साथ न लगाएं। शास्त्रों के अनुसार ऋद्धि और सिद्धि के साथ भी गणेश जी की तस्वीर लगाने के बारे में मना किया गया है। इससे वैवाहिक जीवन में समस्याएं आती हैं।
शिवलिंग का नियम
घर के मंदिर में शिवलिंग नहीं रखना चाहिए। शिवलिंग को सिर्फ धार्मिक स्थलों पर रखना ही शुभ माना गया है।
अगर घर में पूजन स्थल हो तो इन बातों का ध्यान रखिये – संबंधित इन नियमों का पालन आप अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह कर सकते हैं।