कालसर्प दोष से पीडित लोगों के सामने आते हैं ये लक्षण
कालसर्प दोष पीड़ित – कुंडली में ऐसे कई योग होते हैं जो जीवन में परेशानियां पैदा करते हैं और उन्हीं में से एक है कालसर्प दोष।
कालसर्प के कारण जातक का जीवन कष्टों और संघर्ष से भर जाता है। इस योग से पीडित व्यक्ति के मन में कुंठा और क्रोध बस जाता है।
जब कुंडली में राहु और केतु जैसे दो पाप ग्रहों के बीच अन्य सातों ग्रह आ जाएं जब कालसर्प का निर्माण होता है। कालसर्प दोष से पीडित व्यक्ति के जीवन में कुछ घटनाएं घटती हैं जिनके अनुसार वो इस दोष से पीडित होने का अनुमान लगा सकता है।
आज हम आपको बता रहे हैं कालसर्प दोष पीड़ित के लक्षण -:
– पैसों की कमी, मन में कुंठा, तनाव, उदासी, चिंता, चिड़चिड़ापन, हीनभावना, आत्महत्या के विचार मन में आना और परिवार में कलह आदि।
– अगर आपके मन में एक ही तरह का विचार बार-बार आता हो या आपके कार्यों में कोई ना कोई अड़चन आ जाए या आपका अपने काम में मन नहीं लगता हो या व्यापार में आपको नुकसान हो रहा हो तो आपकी कुंडली में कालसर्प दोष हो सकता है।
– पेट में दर्द रहना या पेट संबंधी कोई भी परेशानी रहना, नशा करना, नींद ना आना, मिर्गी की शिकायत रहना, सिरदर्द, माइग्रेन के साथ-साथ हिस्टीरिया, संशय, क्रोध और भूख न लगने जैसी समस्याएं आ रहीं हैं तो आपकी कुंडली में राहु-केतु के कारण कालसर्प दोष बन सकता है।
– अगर आपमें आत्मविश्वास की कमी आ रही है और आपको अपने बच्चों की चिंता रहती है या आपके विवाह में देरी हो रही या फिर आपका पढ़ाई में मन नहीं लगता है और एकाग्रता में कमी आ रही है तो आपकी कुंडली कालसर्प योग से युक्त हो सकती है।
– कालसर्प दोष का प्रभाव व्यक्ति के वैवाहिक जीवन पर भी पड़ता है। पौरुष शक्ति में कमी, मुकदमे में परेशानी बेवजह समय बर्बाद होना और पूजा-पाठ में मन नहीं लगना आदि कालसर्प दोष के लक्षण हैं।
अगर आपकी कुंडली कालसर्प दोष पीड़ित है तो आपको अपने जीवन में उपरोक्त बताए गए लक्षण दिखाई देंगें। कालसर्प दोष की मुक्ति पाने के लिए आपको इसकी शांति करवानी चाहिए।