अमरनाथ यात्रा से भी ज्याादा मुश्किल है श्रीखंड महादेव मंदिर की यात्रा !
श्रीखंड महादेव मंदिर की यात्रा – शिव के तीर्थस्थलों तक पहुंचना बड़ी कठिन यात्रा है।
अमरनाथ, केदारनाथ से लेकर कैलाश मानसरोवर तक की यात्रा श्रद्धालुओं को काफी कष्टों के साथ पूरी करनी पड़ती है।
पूरे हिमालय पर शिव की नगरी बसी है लेकिन एक और स्थान है जिसे शिव के निवास स्थल के रूप में जाना जाता है और वो है श्रीखंड महादेव मंदिर।
आपको जानकर हैरानी होगी कि अमरनाथ की यात्रा 14000 फीट ऊंची है लेकिन श्रीखंड महादेव मंदिर के दर्शन करने के निए 18570 फीट की ऊंचाई पर चढ़ना पड़ता है। यानि की श्रीखंड महादेव मंदिर की यात्रा अमरनाथ से भी ज्यादा कठिन और लंबी है।
हिमाचल के शिमला के आनी उममंडल के निरमंड खंड में बर्फीली पहाडियों में 18570 फीट की ऊंचाई पर श्रीखंड की चोटी पर स्थित है श्रीखंड महादेव मंदिर। इस मंदिर की यात्रा में 35 किलोमीटर का जोखिम भरा रास्ता पार करना पड़ता है।
इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग की ऊंचाई 72 फीट है।
श्रीखंड महादेव मंदिर की यात्रा बेहद रोचक है।
इसके मार्ग में निरमंड में सात मंदिर, परशुराम का मंदिर, दक्षिणेश्वर हनुमान मंदिर, जाओं में माता पार्वती का मंदिर और अरसु हनुमान मंदिर, जोताकली, ढंक द्वार और बकासुर वध जैसे कई पवित्र तीर्थस्थानों के दर्शन होते हैं।
श्रीखंड महादेव मंदिर की मान्यता
किवदंती है कि इस स्थान पर विष्णु जी ने भगवान शिव से वरदान पाने वाले भस्मासुर को नृत्य के लिए राजी किया था। भस्मासुर को वरदान प्राप्त था कि वो जिस भी वस्तु पर अपना हाथ रख देगा वह भस्म हो जाएगी। नृत्य करते हुए उसने अपना हाथ अपने ही सिर पर रख लिया और भस्म हो गया। माना जाता है कि इस कारण इस स्थान की मिट्टी और पानी दूर से ही लाल दिखाई देते हैं।
कैसे पहुंचे
दिल्ली से श्रीखंड महादेव मंदिर की दूरी लगभग 553 किलोमीटर है। दिल्ली से पहले शिमला, शिमला से रामपुर और फिर रामपुर से निरमंड, वहां से बागीपुल और फिर जाओ से श्रीखंड जाना पड़ता है।
श्रीखंड महादेव मंदिर की यात्रा बहुत कठिन और दुर्गम है लेकिन अगर मन में सच्ची श्रद्धा हो तो किसी भी मुश्किल को आसानी से पार किया जा सकता है।