अपने पितरों को श्रद्धांजलि देने के लिए जानिए इस श्राद्ध पक्ष की तिथि !
श्राद्ध पक्ष की तिथि – हिंदू धर्म में पितरों की शांति के लिए श्राद्ध पक्ष मनाया जाता है। श्राद्ध के दिनों में पितरों को श्रद्धांजलि दी जाती है और उन्हें याद किया जाता है। मान्यता है कि श्राद्ध के 15 दिनों में हमारे पूर्वज पितृलोक से धरती पर आते हैं और अपने परिवार के साथ रहते हैं।
इस बार श्राद्ध पक्ष 5 सितंबर से शुरु हो रहा है एवं यह 19 सितंबर को समाप्त होगा। श्राद्ध पक्ष पूर्णिमा से आरंभ होकर अमावस्या पर खत्म होता है।
5 सितंबर को 12.41 पर पूर्णिमा तिथि आरंभ हो जाएगी जोकि अगले दिन 6 सितंबर को 12.32 तक रहेगी। प्रथम श्राद्ध को पूर्णिमा श्राद्ध भी कहते हैं और दूसरे दिन प्रतिपदा श्राद्ध होता है।
वैसे तो श्राद्ध 15 दिन केही होते हैं और इस बार भी श्राद्ध 15 दिन के ही पड़ेंगें किंतु 2020 में श्राद्ध 16 दिनों के लिए होंगें। इस बार द्वादशी और त्रयोदशी श्राद्ध एक ही दिन है जिस कारण श्राद्ध पक्ष में एक दिन कम हो रहा है।
श्राद्ध पक्ष में विशेष रूप से पितरों को प्रसन्न करने के लिए पूजा की जाती है। ये पक्ष पितृ दोष निवारण की पूजा के लिए भी शुभ माना जाता है। अगर आपके पितृ आपसे रूठ गए हैं तो पितृ पक्ष के दौरान उन्हें आप प्रसन्न कर अपने जीवन के सारे कष्टों को दूर कर सकते हैं।
इस प्रकार है श्राद्ध पक्ष की तिथि
5 सितंबर को पूर्णिमा श्राद्ध
6 सितंबर को प्रतिपदा श्राद्ध
7 सितंबर को द्वितीया श्राद्ध
8 सितंबर को तृतीया श्राद्ध
9 सितंबर को चतुर्थी श्राद्ध
10 सितंबर को महाभरणी श्राद्ध, पंचमी श्राद्ध
11 सितंबर को षष्ठी श्राद्ध
12 सितंबर को सप्तमी श्राद्ध
13 सितंबर को अष्टमी श्राद्ध
14 सितंबर नवमी श्राद्ध
15 सितंबर को दशमी श्राद्ध
16 सितंबर को एकादशी श्राद्ध
17 सितंबर को द्वादशी और त्रयोदशी श्राद्ध
18 सितंबर को माघ और चतुर्दशी श्राद्ध
19 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या
अपने पितरों को श्रद्धांजलि देने के लिए ये है इस श्राद्ध पक्ष की तिथि – तिथि अनुसार इस पितृ पक्ष पर अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर उनका आशीर्वाद जरूर लें।