ऋग्वेद में वर्णित भगवान विष्णु के इस अमोघ मंत्र का जाप करने दूर होंगें सभी आर्थिक कष्ट
इस पृथ्वी की ऐसी कोई भी वस्तु नहीं होगी जो पैसों का मोल नहीं जानती होगी।
पैसा है तो सब कुछ है। पुराणों और शास्त्रों में भी धन के महत्व का उल्लेख किया गया है।
सदियों से धन प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी के पति भगवान विष्णु जी के साथ उनका पूजन करने से देवी मां शीघ्र प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों की मुराद जल्दी पूरी कर देती हैं।
लक्ष्मी प्राप्ति के कई मंत्र और उपाय बताए गए हैं किंतु ऋग्वेद में बताए गए निम्नलिखित मंत्र अमोघ हैं और इन मंत्रों का श्रद्धापूर्वक जाप करने से मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु की कृपा भी प्राप्त होती है। इस मंत्र के प्रभाव से मां लक्ष्मी आपके घर को धन-धान्य से भर देती हैं।
इस अमोघ मंत्र का जाप किसी शुभ मुहूर्त में शुक्रवार के दिन से आरंभ करना चाहिए। रोज़ कम से कम एक माला का जाप अवश्य करें। कुश के आसन पर विराजमान होकर पूर्व दिशा की ओर मुख कर इस अमोघ मंत्र का जाप करें।
ये है ऋग्वेद का प्रसिद्ध मंत्र
ऊंभूरिदा भूरि देहिनो, मा द्रभं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ऊं भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।
इस मंत्र का अर्थ है :
हे लक्ष्मीपते! आप दानी हैं। आप कोई साधारण नहीं बल्कि बहुत बड़े दानी हैं। आप्तजनों से सुना है कि जो दुनियाभर से निराश होकर आपकी शरण में आता है आप उसे कभी निराश नहीं करते हैं। आपकी शरण में आने वाला हर भक्त आर्थिक कष्टों से मुक्त हो जाता है। उसकी खाली झोली भर जाती है। हे! भगवान मुझे इस आर्थिक संट से मुक्त करिए।
इसके अलावा आर्थिक संपन्नता के लिए आप इस लक्ष्मी मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। किसी भी माह के प्रथम शुक्रवार से आरंभ कर नियमित 3 शुक्रवार तक इस मंत्र का जाप करें।
रोज़ सुबह स्नान के बाद पूजन स्थल में मां लक्ष्मी के आगे घी का दीया जलाकर देवी मां को मिश्री और खीर का भोग लगाएं। इसके पश्चात् निन्मलिखित मंत्र का जाप करें।
ऊं श्रीं श्रीये नम:
इस मंत्र का जाप करने से आपके सभी आर्थिक कष्ट दूर होंगें और आपके जीवन में खुशहाली आएगी।