राहु और केतु को शांत करने के ज्योतिषीय उपाय
राहु और केतु दोनों ही छाया ग्रह हैं जो ज्यादातर मनुष्य के जीवन पर अशुभ प्रभाव ही डालते हैं। ज्योतिषशास्त्र में इन दोनों ही ग्रहों को पापी ग्रह कहा जाता है। ये दोनों ग्रह जिस भी ग्रह के साथ बैठते हैं उसी के अनुसार फल देने लग जाते हैं।
कुंडली में राहु-केतु की महादशा चल रही हो तो जातक को अपने जीवन में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। राहु-केतु की अशुभ स्थिति कई तरह से आपको परेशान कर सकती है।
राहु-केतु को शांत करने के लिए आप ज्योतिषीय उपायों की मदद ले सकते हैं।
राहु शांति के उपाय
– अगर आपकी कुंडली में राहु अशुभ स्थान में बैठा है तो आपको 18000 बार राहु के बीजमंत्र का जाप करना चाहिए।
राहु का बीजमंत्र है – ऊं भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:।।
– यदि आप अपने घर में राहु यंत्र की स्थापना करते हैं तो भी आपको इस ग्रह के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
– राहु के अशुभ प्रभाव से बचने या इसे कम करने के लिए आपको शनिवार के दिन व्रत करना चाहिए। कौए को मीठी रोटी खिलाएं और ब्राह्मणों एवं गरीबों को चावल दान करें।
केतु शांति के उपाय
– अगर आपकी कुंडली में केतु ग्रह अशुभ स्थान में बैठा है और नकारात्मक फल दे रहा है तो आपको केतु के बीजमंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप 17000 बार करें और दषमांष हवन भी करवाएं।
केतु का बीजमंत्र है : ऊं स्त्रां स्त्रौं स: केतवे नम:।।
– यदि आप अपने घर में केतु यंत्र की स्थापना करते हैं तो भी आपको इस ग्रह के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
– केतु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए आपको कंबल और लोहे से बनी चीज़ों का दान करना चाहिए।
– केतु का रत्न लहसुनिया धारण करने से भी इसके अशुभ प्रभाव में कमी आती है और इसका शुभ फल मिल पाता है।
– केतु की दशा को शांत करने के लिए आपको मंलगवार और शनिवार के दिन व्रत रखना चाहिए।
अगर आपकी कुंडली में केतु या राहु अशुभ स्थान में बैठे हैं तो शीघ्र अति शीघ्र आपको राहु और केतु की शांति के उपाय करने चाहिए वरना ये आपको कंगाल भी कर सकते हैं।