राहू और केतु

लाल किताब के अनुसार राहू और केतु को शांत करने के लिए अपनाये ये उपाय

राहू और केतु दोनों छाया ग्रह हैं जो अधिकतर अशुभ फल ही देते हैं।

राहू और केतु का नाम सुनते ही लोग घबरा जाते हैं क्‍योंकि ये दो ग्रह बहुत कष्‍ट देने वाले होते हैं। राहू और केतु शुभ होने पर किसी व्‍यक्‍ति को राजा भी बना सकते हैं तो वहीं अशुभ स्‍थान में ये अर्श से फर्श पर लाने में भी देरी नहीं लगाते।

ज्‍योतिषशास्‍त्र में राहू और केतु के अशुभ प्रभाव को शांत करने के कई उपाय बताए गए हैं। आज हम आपको लाल किताब के अनुसार राहू-केतु को शांत करने के उपाय के बारें में बताएंगें। लाल किताब में राहू को सरस्‍वती का नाम दिया गया है।

राहू और केतु

राहू शांति के उपाय

लाल किताब के उपाय के अनुसार राहू को शांत करने के लिए बृहस्‍पतिवार के दिन मूली का दान करें और बहते पानी में कच्‍चे कोयले को प्रवाहित करें। इस उपाय को प्रत्‍येक गुरुवार करना है।

– अगर आपकी कुंडली में राहू अशुभ फल दे रहा है तो उसे कम करने के लिए आप अपने पास चांदी का एक टुकड़ा हमेशा रखें। साथ ही रोज़ मसूर की दाल को अपने यहां के सफाई कर्मचारी को दान करें।

– अगर आपकी कुंडली में बैठे राहू की वजह से आपको बीमारियां हो रही हैं तो आप अपने वजन के अनुसार जौ को बहते जल में प्रवाहित कर दें या फिर ये जौ किसी गरीब अथवा जरूरतमंद को दान में दे दें।

– अगर किसी व्‍यक्‍ति की कुंडली में राहू और सूर्य ग्रह एकसाथ विराजमान हों तो वह व्‍यक्‍ति आर्थिक संकट से परेशान रहता है। लाल किताब में उल्लिखित उपायों के अनुसार राहू की शांति के लिए उड़द की दाल, वस्‍त्र, सरसों, काले रंग का फूल, राई का तेल अपनी सामर्थ्‍यानुसार किसी गरीब व्‍यक्‍ति को दान करें। शनिवार के दिन ये उपाय करने से शीघ्र लाभ होगा।

केतु शांति के उपाय

रविवार का दिन केतु को समर्पित है। लाल किताब के अनुसार चंद्रमा, केतु का सबसे बड़ा शत्रु है। चंद्रमा के साथ केतु का बैठना मन की शांति को भंग कर देता है।

– लान किताब के उपायों के अंतर्गत केतु को प्रसन्‍न करने के लिए ये उपाय करें। अगर केतु लग्‍न भाव में बैठा है तो उसे शांत करने के लिए लोहे की गोली बनाकर उसे लाल रंग में रंग कर अपने पास रखें।

– अगर कुंडली में राहु तीसरे भाव में विराजमान है इस ग्रह को प्रसन्‍न करने के लिए बहती नदी में चने की दाल प्रवाहित करें। वहीं चौथे भाव में केतु के होने पर किसी पुजारी को पीले रंग की वस्‍तुएं भेंट करें।

– पांचवें भाव में केतु बैठा हो तो लाल किताब के अनुसार आपको रात के समय अपने सिरहोन पर गाजर और मूली रखकर सोना चाहिए। सुबह उठकर इन्‍हें किसी मंदिर में दान कर दें।

– छठे भाव में बैठे केतु को प्रसन्‍न करने के लिए 6 प्‍याज जमीन में दबा दें। वहीं सातवें भाव में केतु सामान्‍य फल देता है।

– आठवें घर में केतु बैठा हो तो आपको नियमित भगवान गणेश का पूजन करना चाहिए।

– लाल किताब के अनुसार बारहवें भाव में बैठा केतु संतान पर बुरा प्रभाव डालता है। आपको दूध में अंगूठा डालकर चूसना चाहिए।

इससे पहले कि राहू और केतु आपके जीवन को कष्‍टों से भर दें उससे पहले ही आप लाल किताब के इन उपायों से उन्‍हें प्रसन्‍न कर अपने जीवन को कष्‍टों ये बचा सकते हैं।

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