राजा राम मंदिर

इस मंदिर में राजा राम को पुलिस वाले देते हैं सलामी

राम राजा मंदिर- भगवान विष्‍णु के दस अवतारों में से एक है मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का रूप. श्रीराम के चरित्र जैसा दूसरा कोई पुरुष अब तक इस दुनिया में नहीं आया है. भारत की संस्‍कृति के अनुरूप पारिवारिक और सामाजिक जीवन के उच्‍चतम आदर्श पाए जाते हैं.

भारत में एक मंदिर ऐसा भी है जहां प्रभु श्रीराम को ईश्‍वर के रूप में नहीं बल्कि राजा के रूप में पूजा जाता है. झांसी के एक छोटे से गांव ओरछा में स्थित राजा राम का मंदिर श्रद्धालुओं के बीच बहुत लोकप्रिय है. इस मंदिर केा राम राजा मंदिर के नाम से जाना जाता है.

राम राजा मंदिर-

राम राजा मंदिर

श्रीराम के इस मंदिर में बारे में कई कथाएं प्रसिद्ध हैं. भक्‍तों का मानना है कि श्रीराम यहां के राजा हैं. इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि यहां जब सुबह के समय मंदिर के पट खुलते हैं तो सबसे पहले श्रीराम के दर्शन पुलिस वाले करते हैं. रोज़ सुबह पुलिस वाले इस मंदिर में श्रीराम को सलामी देकर ही अपने काम पर निकलते हैं. इसके बाद ही यहां पर भक्‍तों को आने की अनुमति दी जाती है. इस मंदिर के बारे में मान्‍यता है कि श्रीराम को ये जगह इतनी पसंद है कि वे रात के समय अयोध्‍या में होते हैं और सुबह होते ही ओरछा चले आते हैं. इस मंदिर में राजा राम के साथ माता सीता, लक्ष्‍मण जी और हनुमान जी की मूर्तियां भी स्‍थापित हैं.

कहा जाता है कि बुंदेलखंड की राजधानी ओरछा में भगवान श्रीराम का राज्‍याभिषेक हुआ था. इसके बाद से आज तक इस गांव के लोग श्रीराम को भगवान नहीं बल्कि राजा के रूप में पूजते हैं. इस मंदिर में रोज़ाना श्रीराम को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाता है.

पूरी दुनिया का सह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां श्रीराम को राजा राम के रूप में पूजा जाता है. यहां पर दिन में पांच बार पुलिस राजा राम को सलामी शस्‍त्र देते हैं. किवदंती है कि यहां के राजा महाराजा राजा मधुकर शाह ने अपना पूरा साम्राज्‍य त्‍याग कर भगवान श्रीराम को अपनी सारी सत्ता सौंप दी थी. बस तभी से श्रीराम यहां पर राजा के रूप में पूजनीय हैं.

महाराजा मधुकर शाह की पत्‍नी रानी गणेश कुंवरी श्रीराम की अनन्‍य भक्‍त थीं और उनकी भक्‍ति देख राजा ने ही उनसे कहा था कि आप यदि श्रीराम को इतना ही मानती हैं तो उन्‍हें ओरछा ले आइए. बस तभी रानी भगवान राम को ओरछा लाने के लिए पैदल ही निकल पड़ी थीं. रानी के साथ चलने के लिए भगवान राम ने एक शर्त रखी थी कि मैं ओरछा मैं जहां बैठ जाऊंगा वहां से फिर कभी नहीं उइूंगा और वहीं का राजा बन कर रहूंगा. बस तभी से भगवान राम यहां पर राजा बनकर रहते हैं.

कैसे पहुंचे

बुंदेलखंड के ओरछा गांव में स्थित इस मंदिर तक आप रेल मार्ग, हवाई और सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचे सकते हैं. रेल से यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को झांसी रेलवे स्‍टेशन सबसे निकट पड़ेगा. वहीं ग्‍वालियर एयरपोर्ट सबसे निकटतम हवाई अड्डा है. ओरछा गांव से सड़क मार्ग भी अच्‍छी तरह से जुड़ा हुआ है.

 

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