ऐसा होता है राक्षस और मनुष्य गण का मैच
ज्योतिषशास्त्र में मनुष्य के गण का भी बड़ा महत्व है. जन्मकुंडली में किसी व्यक्ति के भविष्य का विश्लेषण उसके गण के आधार पर भी किया जाता है. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार गणों को तीन भागों में विभाजित किया गया है – देव गण, मनुष्य गण और राक्षस गण. इन तीनों गणों से संबंध रखने वाले जातकों की अपनी अलग खासियत और व्यवहार होता है. इनकी प्रतिभाएं भी गण के आधार पर विभाजित होती हैं. विवाह से पूर्व कुंडली मिलान में भी गण महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
क्या हैं किस गण के गुण
देव गण को देवताओं से संबंधित कहा जाता है. वहीं मनुष्य गण में मनुष्य जैसे गुण समाहित होते हैं किंतु ऐसा बिलकुल भी नहीं है कि राक्षस गुण वाले व्यक्ति में राक्षस जैसे गुण हों. राक्षस गण से संबंध रखने वाले व्यक्ति अन्य की तुलना में काफी प्रतिभावान होते हैं. ये लोग अपने आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को पहचानने की शक्ति रखते हैं.
गण मिलान
देव गण, मनुष्य गण और राक्षस गण – इन तीन गणों के आधार पर विवाह से पूर्व लड़का और लड़की के गणों का मिलान किया जाता है. हिंदू धर्म में विवाह से पूर्व कुंडली मिलान का बहुत महत्व है. कुंडली मिलान के अंतर्गत ही गण मिलान भी आता है. इस मिलान के अंतर्गत अंक प्रदान किए जाते हैं.
उत्तम मिलान
यदि लड़का और लड़की दोनों के गण समान यानि अगर दोनों देव गण या मनुष्य गण के हैं तो ये मिलान उत्तम माना जाता है. इन्हें 6 में से 6 अंक प्राप्त होते हैं.
सामान्य मिलान
इसके अतिरिक्त अगर लड़के का गण देव और लड़की का गण मनुष्य हो तो भी 6 में से 6 अंक प्राप्त होते हैं. लड़का और लड़की का गण मनुष्य और देव हो तो ये गण मिलान सामान्य माना जाता है. ऐसे मिलान में 6 में से 5 अंक दिए जाते हैं.
अशुभ मिलान
यदि लड़का और लड़की दोनों देव-राक्षस और राक्षस-देव गण के हों तो यह गण मिलान अशुभ समझा जाता है. क्योंकि राक्षस और देव का कोई मैच नहीं होता. इन्हें 6 में से 1 अंक दिया जाता है.
अति अशुभ मिलान
साथ ही अगर लड़का-लड़की दोनों ही मनुष्य-राक्षस या राक्षस-मनुष्य गण के हैं तो ये गण मिलान बहुत ज्यादा अशुभ समझा जाता है. इन्हें 6 में से 0 अंक प्रदान किए जाते हैं.
गण दोष
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार गण मिलान में जहां किसी को 0 या 1 अंक प्राप्त हों, वहां गण दोष बनता है. इसके कारण अलगाव, तलाक या वैवाहिक जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएं आती हैं.