पितृ दोष के कारण सहनी पड़ती हैं ये परेशानियाँ
पितृ दोष के कारण – पितृ के तर्पण के लिए पितृ पक्ष काफी महत्वपूर्ण होता है।
पितृ पक्ष के दौरान अगर कोई व्यक्ति दान-पुण्य करता है तो उससे उसके पूर्वज प्रसन्न होते हैं और उसे सुख-शांति एवं समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। कई घर-परिवार में परेशानियां बनी रहती हैं और कई प्रयास करने के बाद भी ये परेशानियां दूर नहीं होती हैं।
इन मुसीबतों के पीछे कई कारण हो सकते हैं जिनमें से एक पितृों का नाराज होना भी हो सकता है। अगर आपके पितृ आपसे नाराज़ हो जाएं तो इस कारण आपके जीवन में कई परेशानियां उत्पन्न होती हैं, आर्थिक तंगी और कर्ज की स्थिति तक बन जाती है।
आइए जानते हैं कि जब पितृ आपसे नाराज़ होते हैं तो आपको अपने जीवन में किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है – पितृ दोष के कारण क्या है ।
पितृ दोष के कारण –
– अगर आपके पितृ आपसे नाराज़ हैं तो आपके घर में हमेशा पैसों की तंगी रहेगी। इस समस्या से मुक्ति पाने के लिए पितृ पक्ष के दौरान पूर्वजों की विधिपूर्वक पूजा करें और इस दौरान उनका आवाह्न कर उन्हें आमंत्रित करें।
– पितृों को प्रसन्न करने के लिए पितृ पक्ष का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। रोज़ सुबह उठकर अपने पूर्वजों का तर्पण करें। इस उपाय को करने से पारिवारिक क्लेश दूर होता है और घर में खुशियां आती हैं।
– अगर आपको संतान प्राप्ति में दिक्कत हो रही है तो हो सकता है कि आपकी कुंडली में पितृ दोष हो सकता है।
– पितृ दोष के कारण परिवार के सदस्यों के बीच लड़ाई-झगड़े होने लगते हैं। बेवजह की पारिवारिक कलह उत्पन्न होती है।
– इस दोष में व्यक्ति कोर्ट-कचहरी और कानूनी पचड़ों में भी फंस जाता है।
– जिस व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष हो उसकी बेटी के विवाह में भी देरी आती है। इसलिए पितृ दोष का निवारण करना बहुत जरूरी होता है।
– सब कुछ ठीक है लेकिन अगर आपकी सेहत ठीक नहीं रहती है तो भी आपकी कुंडली में पितृ दोष की समस्या हो सकती है।
पितृ दोष निवारण के उपाय
– अगर आपकी कुंडली में पितृदोष है तो आपको अपने जीवन में अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है। इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आपको श्राद्ध संस्कार के दौरान अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर्म संपन्न करना चाहिए। अश्विन मास की कृष्ण अमावस्या को अपने पितृओं को श्राद्ध अवश्य करें।
– पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए बृहस्पतिवार को शाम के समय पीपल के पेड़ की जड़ में जल अर्पित करें और सात बार पेड़ की परिक्रमा करें।
– सूर्य की पूजा से भी पितृ दोष शांत होता है। शुक्ल पक्ष के पहले रविवार को अपने घर में सूर्य यंत्र की स्थापना करें। रोज़ तांबे के पात्र में जल भरकर सूर्य देव का अर्पित करें। इस जल में लाल रंग के पुष्प, रोली, चावल भी मिलाएं।
ये है पितृ दोष के कारण और निवारण यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष हो तो उसे जीवन में अनेक कष्ट सहने पड़ते हैं इसलिए बेहतर होगा कि आप इस दोष से मुक्ति पाने के उपायों पर ध्यान दें।