राक्षस गण

राक्षस गण में जन्म लेने वाले व्यक्ति में होते हैं ये गुण !

राक्षस गण – हिंदू धर्म में शादी से पूर्व लड़का और लड़की की कुंडली का मिलान करवाना बहुत जरूरी माना जाता है।

कुंडली में गुण, नाड़ी दोष और गण के मिलान पर सबसे ज्‍यादा ध्‍यान दिया जाता है। मान्‍यता है कि इन्‍हीं तीन चीज़ों पर दांपत्‍य जीवन का सुख और भविष्‍य टिका होता है। ज्‍योतिष शास्‍त्र में गण के आधार पर मनुष्‍य को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। ये तीन श्रेणियां देव गण, मनुष्‍य गण और राक्षस गण है। ज्‍योतिष के अनुसार गण पर ही मुनष्‍य का स्‍वभाव और उसका चरित्र निर्धारित होता है।

जन्‍म के समय के नक्षत्र के आधार पर ही मनुष्‍य के गण का आंकलन किया जाता है। ज्‍योतिष में जन्‍म के समय चल रहे नक्षत्रों की भूमिका बहुत जरूरी और महत्‍वपूर्ण होती है।

काफी हद तक आपका भविष्‍य आपके जन्‍म से संबंधित ग्रह, राशि और नक्षत्र पर आधारित होता है।

चलिए जानते हैं ज्‍योतिष शास्‍त्र के तीन गणों के बारे में।

देव गण

देव गण में जन्‍मा जातक दानी और बुद्धिमान होता है। इनका ह्रदय कोमल होता है और ये दूसरों की भावनाओं की कद्र करते हैं। इन्‍हें कम खाना पसंद होता है। इनके विचार हमेशा दूसरों के हित के बारे में ही होते हैं।

मनुष्‍य गण

मनुष्‍य गण से सबंध रखने वाले लोग धनवान होते हैं। इन्‍हें धर्नुविद्या का ज्ञान होता है। बड़े-बड़े नेत्रों वाले ये मनुष्‍य समाज में सम्‍मान प्राप्‍त करते हैं। समाज में इनकी बात को ऊपर रखा जाता है।

राक्षस गण

लोगों को लगता है कि राक्षस गण के लोग बुरे और दुराचारी होते हैं लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। राक्षस गण से संबंध रखने वाले लोगों में बहुत सी खूबियां होती हैं।

राक्षस गण की खूबियां

हमारे आसपास के वातावरण में बुहत सी नकारात्‍मक और सकारात्‍मक शक्‍तियां मौजूद होती हैं। ज्‍योतिष के अनुसार राक्षस गण के लोगों में इन नकारात्‍मक शक्‍तियों और ऊर्जाओं को पहचानने की शक्‍ति होती है। राक्षस गण के लोगों की छठी इंद्री यानि सिक्‍स्‍थ सेंस दूसरों की तुलना में अधिक जागृत होती है। ये साहसी और मजबूत इच्‍छाशक्‍ति रखने वाले होते हैं। ये अपने जीवन को स्‍वच्‍छंद तरीके से जीना पसंद करते हैं।

राक्षस गण से संबंधित नक्षत्र

राक्षस गण के अधीन अश्‍लेषा, विशाखा, कृत्तिका, मघा, ज्‍येष्‍ठा, मूल, धनिष्‍ठा, शतभिषा नक्षत्र आते हैं।

गण मिलान है जरूरी

विवाह से पूर्व गण मिलान बुहत जरूरी होता है। सही गण मिलान से ही सुखी और आनंदमय दांपत्‍य की प्राप्‍ति होती है। चलिए जानते हैं कि किस गण के साथ उचित मिलान होता है।

– यदि लड़का और लड़की का समान गण हो तो दोनों का वैवाहिक जीवन सामान्‍य रहता है।

– दोनों का देव गण हो तो वैवाहिक जीवन संतोषप्रद रहता है।

– लड़का और लड़की देव गण और राक्षस गण के हों तो दांपत्‍य जीवन में सामंजस्‍य बहुत कम रहता है।

विवाह से पूर्व कुंडली मिलान बहुत जरूरी है और उसी के अंतर्गत गण मिलान भी आता है।

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  • Nitish Sen Rajput

    HE DEVI PARNTU IS TARAYH JAYOTISH SHASHTR JANM KO KARM SE MAHAAN DIKHA RHA .