वनवास के दौरान इन स्थानों पर पांडवों ने स्थापित किए थे शिवलिंग
महाभारत काल में पांडवों ने अपने वनवास के दौरान कई स्थानों पर शिवलिंग की स्थापना की थी. आज वह शिवलिंग आस्था का केंद्र बन चुके हैं. कहा जाता है कि पांडव के पांचों पुत्र भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे और इस कारण उन्होंनें कई स्थानों पर शिवलिंग की स्थापना की थी. धरती पर ऐसे कई शिव मंदिर हैं जिनके बारे में कहा जाता है कि यहां पर शिवलिंग की स्थापना स्वयं पांडवों ने की थी. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि धरती पर पांडवों द्वारा महाभारत काल के दौरान किन-किन स्थानों पर भगवान शिव के स्वरूप शिवलिंग की स्थापना की गई थी.
- भयहरण महादेव, यूपी
इस मंदिर के नाम से ही पता चलता है कि यहां आने पर भक्तों को भय और उलझन से मुक्ति मिलती है. मान्यता है कि इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना पांडवों ने ही की थी. यह पावन स्थल उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में स्थित है.
- लोघेश्वर महादेव मंदिर, उत्तरप्रदेश
उत्तरप्रदेश के बाराबंकी जिले में लोघेश्वर महादेव का मंदिर स्थित है. किवदंती है कि पांडवों ने महर्षि वेदव्यास के कहने पर इस स्थान पर शिवलिंग की स्थापना की थी. कहते हैं कि इस शिवलिंग के दर्शन करने से ही भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.
- पडिला महादेव, इलाहाबाद
इलाहाबाद शहर में भगवान शिव की पूजा का बड़ा महत्व है. गंगा किनारे बसा यह शहर हर समय शिव भक्ति में डूबा रहता है. कहा जाता है कि पाटलिपुत्र की यात्रा के दौरान पांडवों ने इस स्थान पर ऋषि भारद्वाज के आदेश पर भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग की स्थापना की थी. इस स्थान को पांडेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है.
- ममलेश्वर महादेव, हिमाचल प्रदेश
कहा जाता है कि पांडवों ने अपने वनवास का कुछ समय हिमाचल में भी बिताया था और यहीं पर भीम की भेंट राक्षस कुल से ताल्लुक रखने वाली हिडिंबा से हुई थी. हिमाचल में ही भीम और हिडिंबा का विवाह हुआ था. इस स्थान पर आपको पांडवों द्वारा स्थापित शिवलिंग मिल जाएंगें. यहां पर 200 ग्राम वजन का एक गेहूं का दाना भी मिलेगा. कहा जाता है कि ये दाना भी पांडव कालीन है.
- गंगेश्वर महादेव, दीव
दमन और दीव का नाम तो आपने सुना ही होगा. ये स्थान अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है. दमन और दीव में से दीव पर पांडवों ने शिवलिंग की स्थापना की थी. इस स्थान को गंगेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर में एकसाथ पांच शिवलिंग स्थापित हैं. कहते हैं कि पांडवों ने अपने वनवास काल के दौरान ही इन शिवलिंगों की स्थापना की थी.
अगर आप भी शिवभक्त हैं तो आपको भगवान शिव के इन प्राचीन मंदिरों के दर्शन अवश्य करने चाहिए. भोलेनाथ अपने भक्तों की मनोकामना बड़ी जल्दी सुनते हैं और मान्यता है कि उनके इन धामों के दर्शन करने से श्रद्धालुओं की सभी इच्छाएं जल्दी पूर्ण हो जाती हैं. धार्मिक दृष्टि से भगवान शिव के ये मंदिर अत्यंत महत्वपूर्ण हैं.