भगवान शिव का पसंदीदा फूल है चंपा फिर भी क्यों शिव स्वीकार नहीं करते ये फूल
शिव के पूजन में चंपा के फूल – पूजन में पुष्पों का प्रयोग करने का बहुत महत्व है।
मान्यता है कि देवी-देवताओं की पंसद के अनुसार पूजन में पुष्प अर्पित करने से वे जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और मनचाहा वर प्रदान करते हैं। अन्य देवी-देवताओं की ही तरह भगवान शिव का भी एक प्रिय फूल है लेकिन किसी कारणवश उन्हें अपने प्रिय पुष्प से दूर रहना पड़ता है। भगवान शिव के पूजन में चंपा के फूल का प्रयोग करना वर्जित है लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों है।
तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि भगवान शिव के पूजन में चंपा के फूल का प्रयोग करना क्यों वर्जित है।
दरअसल इस सवाल का जवाब एक पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है। किवदंती है कि एक बार नारद मनि को ज्ञात हुआ कि एक ब्राह्मण ने अपनी बुरी इच्छाओं की पूर्ति के लिए चंपा के फूल तोड़े और जब नारद मुनि ने उस वृक्ष से पूछा कि क्या किसी ने उसके पुष्पों को तोड़ा है तो वृक्ष ने इससे साफ इंकार कर दिया। इसके पश्चात् नारद मुनि जी पास ही में स्थित शिव मंदिर गए और वहां उन्होंने देखा कि मंदिर में स्थापित शिवलिंग चंपा के फूलों से ढंका हुआ है।
तब नारद मुनि जी को सब कुछ समझ आ गया कि वृक्ष ने उनसे झूठ कहा था।
साथ ही नारद जी को ब्राह्मण की इच्छा के बारे में भी पता चल गया। दरसअल वह ब्राह्मण चंपा के फूलों से भगवान शिव का पूजन कर एक शक्तिशाली राजा बन गया था और अब वह गरीबों और असहाय लोगों को प्रताडित कर रहा था। नारद जी को क्रोध आया कि भगवान शिव ने ऐसे पापी ब्राह्मण की इच्छा को क्यों पूरा किया।
भगवान शिव ने दिया जवाब
नारद जी ने भगवान शिव से पूछा कि उन्होंने एक दुष्ट ब्राह्मण की इच्छा क्यों पूरी की तो शिवजी ने कहा कि जो भी व्यक्ति चंपा के फूलों से मेरी पूजा करता है मैं उसे मना नहीं कर पाता और उसकी मनोकामना पूरी करता हूं। इसके पश्चात् नारद जी ने चंपा के वृक्ष को श्राप दिया कि अब कभी भी भगवान शिव अपने पूजन में चंपा के फूल स्वीकार नहीं करेंगें। वृक्ष ने उनसे झूठ बोला और उन्हें गुमराह किया इसलिए अब कभी भी चंपा के फूलों का प्रयोग शिव के पूजन में कभी नहीं होगा।
इस प्रकार भगवान शिव के पूजन में चंपा के फूलों का प्रयोग करना वर्जित हो गया।
ये फूल भी हैं प्रिय
भगवान शिव तो बड़े भोले हैं, वे अपने भक्तों की भक्ति से ही प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव के पूजन में धतूरे के पुष्प, हरसिंगार के फूल और नागकेसर के फूलों का प्रयोग करना चाहिए। साथ ही शिवजी को कमलगट्टे के सूखे फूल, कनेर के फूल, कुसुम के फूल और आक के पुष्प अतिप्रिय होते हैं। भगवान शिव के सभी भक्त ये तो जानते ही होंगें कि उन्हें बेलपत्र सबसे ज्यादा पसंद होते हैं और शिव का पूजन बेलपत्र के बिना संपूर्ण नहीं होता है। ध्यान रहे भगवान शिव के पूजन में सेमल, कदम्ब, अनार, शिरीष, माधवी, केवड़ा, मालती, जूही और कपास के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए।
इस तरह से शिव के पूजन में चंपा के फूल का उपयोग होता है – भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए आप उनके पूजन में इन पुष्पों का प्रयोग कर सकते हैं।