नवरात्र

नवरात्र के दिनों में भूलकर भी न खाएं ये चीज़ें- बेहद महत्वपूर्ण जानकारी

मां दुर्गा के नवरात्रे बेहद शुभ और मंगलकारी होते हैं. कहते हैं कि नवरात्र के पावन दिनों में मां दुर्गा को प्रसन्‍न करने से संपूर्ण जीवन के पाप नष्‍ट हो जाते हैं और देवी मां के भक्‍तों को मोक्ष की प्राप्‍ति होती है.

नवरात्र के दिनों में व्रतहारी के लिए तो नियम होते ही हैं लेकिन इन दिनों सामान्‍य खानपान में भी बदलाव आता है. शास्‍त्रों के अनुसार खाने की कई चीज़ों को नवरात्र में निषेध माना गया है. प्राचीन समय से ही नवरात्र में कुछ विशेष खाद्य पदार्थों को निषेध माना गया है.

 

तो चलिए आज हम आप आपको बताते हैं कि नवरात्र के दिनों में किन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए-

लहुसन

नवरात्र के साथ-साथ श्राद्ध के दिनों में भी खानपान में लहसुन का प्रयोग नहीं किया जाता है. कई सालों से नवरात्र के शुभ दिनों में लहसुन का सेवन निषेध माना गया है. शास्‍त्रों में भी नवरात्र में लहुसन का सेवन न करने का उल्‍लेख मिलता है.

 

प्‍याज

नवरात्र के दिनों में देवी मां की आराधना के चलते प्‍याज का सेवन नहीं किया जाता है.

 

प्‍याज और लहसुन न खाने का कारण

प्‍याज और लहसुन को प्रकृति द्वारा प्रदान की गई सबसे निचले दर्जे की सब्‍जी माना गया है. निचले दर्जे की सब्‍जियां क्रोध, काम वासना, उत्तेजना और अज्ञानता को बढ़ावा देती हैं. लहसुन और प्‍याज खाने से वासना से संबंधित विचार मन में आते हैं. बौद्ध धर्म के अनुयायी भी प्‍याज और लहसुन का सेवन नहीं करते हैं.

 

मांसाहार

नवरात्र ही नहीं बल्कि अन्‍य त्‍योहारों और शुभ दिनों पर मांसाहार का सेवन सख्‍त वर्जित है. हिंदू धर्म के अनुसार किसी भी प्राणी की हत्‍या कर उसके मांस का सेवन करना पाप होता है. इसलिए नवरात्र के दिनों में मांस, मच्‍छी का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए.

 

नशीली चीज़ें

शराब का सेवन करने से मनुष्‍य अपना विवेक खो बैठता है. ऐसा कहा जाता है कि शराब या अन्‍य किसी प्रकार का नशा करने से व्‍यक्‍ति का विवेक और बुद्धि काम करना बंद कर देता है साथ ही नशा करने से काम वासना भी जागृत होती है और नवरात्र के नौ दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करना जरूरी होता है. इसलिए नवरात्र के दिनों में शराब या किसी भी तरह की अन्‍य नशीली चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए.

 

बैंगन और आलू

नवरात्र के दिनों में बैंगन और आलू खाने की भी मनाही है. चूंकि आलू और बैंगन धरती के नीचे उगते हैं इसलिए इन पर सूर्य का प्रकाश नहीं पड़ता है. इस कारण ये सब्‍जियां ऊर्जा से रहित होती हैं. आलू और बैंगन खाने से किसी भी तरह की ऊर्जा प्राप्‍त नहीं होती. नवरात्र के दिनों में मां दुर्गा की भक्‍ति में लीन रहने के लिए भक्‍त को ऊर्जा की सख्‍त जरूरत होती है इसलिए इन दिनों में बैंगन और आलू खाना व्‍यर्थ समझा जाता है.

 

ये सब्‍जियां

धरती के नीचे उगने वाली सब्‍जियों का सेवन नवरा‍त्र में नहीं करना चाहिए. माना जाता है कि ये सब्‍जियां ऊर्जारहित होती हैं और इन दिनों में ऐसी सब्‍जियां खाने से आपको कुछ भी एनर्जी नही मिल पाती है. इन सब्‍जियों में लौकी, परवल, करेला शामिल हैं.’

 

टमाटर और इमली

ईश्‍वर की आराधना और व्रत में खट्टी चीज़ों का सेवन करने की भी मनाही है. शास्‍त्रों के अनुसार मां दुर्गा के नवरात्रों में खट्टी चीज़ें जैसे टमाटर और इमली नहीं खानी चाहिए. इस तरह के खाद्य पदार्थ व्‍यक्‍ति के मन को विचलित कर उसे धर्म के मार्ग से भटका सकते हैं. अर्थात् नवरात्र के दिनों में टमाटर और इमली जैसी खट्टी चीज़ों का सेवन नहीं करना चाहिए.

 

व्रत वाला सामान

आजकल कई जगहों, मंदिरों और रेस्‍टोरेंट्स में ‘व्रत का खाना’ कह कर कई तरह के स्‍वादिष्‍ट व्‍यंजन परोसे जाते हैं. ग्राहकों को कहा जाता है कि खास व्रत के लिए बने इस खाने में सेंधा नमक का प्रयोग किया गया है और ये पूरी तरह से सात्‍विक है. किंतु शास्‍त्रों में सात्‍विक भोजन में मिर्च-मसाले नहीं होते जबकि व्रत की चाट को काफी मसालेदार बनाया जाता है और यहां तक कि इनमें बार-बार एक ही तेल का प्रयोग किया जाता है. इस तरह के भोजन से दूर रहें.

 

जरुर पढ़ें यंगिस्थान का यह नवरात्रे पर विशेष लेख- नवरात्रि व्रत को आसान बनायेंगे ये 10 पौष्टिक आहार

Share this post