सावन के महीने में महामृत्युंजय मंत्र के जाप से मिलेगा 10 गुना ज्याादा फल !
वेद, पुराण और शास्त्रों में महामृत्युंजय मंत्र की शक्ति का उल्लेख किया गया है।
सावन के महीने में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने कई कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। ये मंत्र अकाल मृत्यु से रक्षा करता है और आरोग्य प्रदान करता है। सावन के महीने में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से 10 गुना अधिक फल मिलता है।
महामृत्युंजय मंत्र : ऊं ह्रौं जूं स:। ऊं भू: भुव: स्व:। ऊं त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माsमृतात्। स्व: भुव: भू: ऊं। स: जूं ह्रौं ऊं।।
यदि आप निरोगी काया या किसी रोग से छुटकारा पाना चाहते हैं तो स्नान करते समय इस मंत्र का जाप करें।
यौवन की सुरक्षा हेतु एक लोटे में दूध भरें और उसमें इस मंत्र का जाप करते हुए स्वयं का चेहरा देखें। बाद में वह दूध पी लें।
महामृत्युंजय मंत्र का जाप कभी निष्फल नहीं जाता है। इस मंत्र का जाप हमेशा श्रद्धा भाव के साथ ही करना चाहिए।
अगर आपके ऊपर इनमें से कोई भी विपत्ति आ रही है या आप इनमें से भी मुश्किल से गुज़र रहे हैं तो आपको सावन के महीने में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।
– अगर आपकी कुंडली में दशा, अंर्तदशा या स्थूलदशा चल रही है अथवा जन्म, मास एवं गोचर में ग्रह पीड़ा हो तो इस मंत्र का जाप जरूर करें।
– अगर आपको कोई असाध्य रोग है या आप निरोगी रहना चाहते हैं तो भी इस मंत्र के जाप से आपको लाभ होगा।
– कानूनी पचड़ों से बचने के लिए।
– अगर आपको अपनी संपत्ति को खोने का अंदेशा हो तो इस मंत्र का जाप करें।
– राजभय की स्थिति में भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना फलदायी रहता है।
– अगर आपका मन धार्मिक कार्यों में नहीं लगता हो तो आपको इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।
– परिवार में क्लेश रहता है या घर की सुख-शांति छीन गई हो तो इस मंत्र का जाप आपके परिवार के सदस्यों को सद्बुद्धि देता है।
– प्राकृतिक आपदा आ जाए तो इस मंत्र के जाप से उसके नुकसान को कम किया जा सकता है।
महामृत्युंजय मंत्र सर्वशक्तिशाली माना जाता है। इसके जाप से पुण्य की प्राप्ति होती है। अगर आप भी उपरोक्त बताई गई किसी भी समस्या से गुज़र रहे हैं तो आपको इस मंत्र का जाप करना चाहिए।