जो इन्सान बनता है इन 10 पापों का भागीदार उसे कभी क्षमा नहीं करते हैं भगवान शिव !
भगवान शिव – सदियों से ये मान्यता चली आ रही है कि देवों के देव यानी महादेव भक्तों पर जितना जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं उतनी ही जल्दी उन्हें क्रोध भी आता है.
आज भी कहा जाता है कि जिस दिन क्रोध में आकर भगवान शिव अपनी तीसरी आंख खोल लेंगे समझ लीजिए उस दिन दुनिया का अंत निश्चित है.
हिंदू धर्म के शास्त्रों के अनुसार इंसान अपने जीवन में जैसा कार्य करता है उसे उसके अनुसार ही फल मिलता है. कहते हैं कि इंसान अगर बुरे कर्म करता है तो भगवान भी उन्हें क्षमा नहीं करते हैं.
इसी कड़ी में आज हम आपको बताने जा रहे हैं इंसान के द्वारा किए जाने वाले 10 ऐसे पापों के बारे में, जिसके लिए भगवान शिव कभी माफ नहीं करते हैं.
शिव पुराण के अनुसार
शिव पुराण के अनुसार अपने कार्य, बात, व्यवहार और सोच के द्वारा किए जानेवाले पापों के लिए भगवान शिव कभी क्षमा नहीं करते हैं. ऐसे व्यक्ति ना सिर्फ शिव के क्रोध के भागीदार बनते हैं बल्कि उनका जीवन भी दुखमय हो जाता है.
1- किसी का अहित सोचना
भले ही इंसान अपने बात या व्यवहार से किसी को नुकसान ना पहुंचाए लेकिन अगर आप अपने मन में किसी के लिए दुर्भावना या फिर उसके अहित के बारे में सोचते हैं तो ये पाप की श्रेणी में आता है.
2- दूसरों की चीजों पर बुरी नजर रखना
किसी और की पत्नी या पति पर बुरी नजर रखना या फिर उसे पाने की इच्छा करना पाप की श्रेणी में आता है. इसके अलावा दूसरों के धन पर अपनी बुरी नियत रखना भगवान शिव की नजरों में क्षमा ना किया जानेवाला पाप है.
3- किसी निरपराध को कष्ट देना
अगर आप जाने अंजाने में किसी भोलेभाले और निरपराध इंसान को कष्ट पहुंचाते हैं या फिर उसके लिए बेवजह परेशानी का सबब बनते हैं तो आपका यह पाप भोलेनाथ की नजरों में माफी के लायक नहीं है.
4- जान बूझकर गलत रास्ता चुनना
अगर कोई इंसान अच्छे रास्ते को छोड़कर जान बूझकर गलत रास्ते को चुनता है तो वो पाप का भागीदार होता है. भगवान शिव की नजरों में यह अक्षम्य पाप माना जाता है.
5- किसी महिला का दिल दुखाना
अगर कोई इंसान किसी गर्भवती महिला से कटु वचन कहता है या फिर मासिक धर्म के दौरान अपनी बातों से किसी महिला का दिल दुखाता है तो इसे अक्षम्य अपराध और पाप माना जाता है.
6- कठोर भाषा शैली का प्रयोग करना
शिव पुराण के मुताबिक भले ही आपने अपने कार्य से किसी का बुरा ना किया हो लेकिन दूसरों के प्रति कठोर भाषा शैली का प्रयोग करना आपको शिव की नजरों में पाप का हकदार बना सकता है.
7- हानि पहुंचाने के लिए झूठ बोलना
अगर आप किसी के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने की नीयत से झूठ बोलते हैं तो आपका यह झूठ छल की श्रेणी में आता है और आपको पाप का भागीदार बनाता है.
8- पीठ पीछे किसी के लिए गलत बोलना
समाज में किसी के मान-सम्मान को नुकसान पहुंचाने की नीयत से झूठ बोलना या फिर पीठ पीछे उसके बारे में गलत बातें करना और उसके बारे में अफवाह फैलाना भगवान शिव की नजरों में एक ऐसा पाप है जो माफी के लायक नहीं है.
9- धर्म के विपरित कार्य करना
धर्म के अनुसार मना की गई चीजों का सेवन करना या फिर धर्म के खिलाफ जाकर कोई कार्य करना पाप की श्रेणी में आता है और इस पाप के लिए आप भगवान शिव की नजरों में हमेशा ही अपराधी बने रहेंगे.
10- निर्दोष लोगों के खिलाफ हिंसा
जो लोग बच्चों, महिलाओं और निर्दोष प्राणियों के साथ हिंसा करते हैं या फिर असामाजिक कार्यों में लिप्त रहते हैं वो भगवान शिव की नजरों में पाप के भागीदार बनते हैं.
गौरतलब है कि भगवान शिव की कृपा का पात्र बनने के लिए इंसान को हमेशा इन 10 पाप कार्यों से दूर रहना चाहिए इसके साथ ही जो इस तरह का पाप करते हैं उन्हें ऐसा करने से रोकना चाहिए.