कुंडली में यह योग बनाते हैं व्यक्ति को बिजनेसमेन- देखिये क्या आपकी कुंडली में है यह योग?
कुंडली में यह योग बनाते हैं व्यक्ति को बिजनेसमेन-
ज्योतिषशास्त्र में व्यक्ति के भविष्य का आंकलन उसकी कुंडली में ग्रहों की दशा और स्थिति के अनुसार किया जाता है. कुंडली मनुष्य के जीवन का आईना होती है जो उसके बारे में सब कुछ बात देती है. कुंडली में बैठे ग्रह ही बताते हैं कि आप नौकरी करेंगें या बिजनेसमैन बनेंगें. कुंडली के ये योग बताते हैं कि क्या आप अपने अच्छे बिजनेसमैन बन पाएंगें या आपका सारा जीवन नौकरी करते हुए ही बीतेगा.
तो चलिए जानते हैं कि कौन से योग हैं जो एक व्यक्ति को सफ़लत व्यक्ति बनाते हैं. कुंडली में यह योग बनाते हैं व्यक्ति को बिजनेसमेन-
तीसरे भाव में शुक्र की स्थिति
यदि कुंडली में तीसरे भाव या धन के भाव में शुक्र प्रबल हो तो उस जातक की रुचि बिजनेस में अधिक रहती है. इस योग में व्यक्ति को अपने जीवन में सुख और समृद्धि में बढ़ोत्तरी करने के अवसर प्राप्त होते हैं.
कुंडली का तीसरा भाव साहस और वीरता का होता है. अगर इस भाव में कोई शुभ ग्रह बैठा है तो वह जातक साहसी बनता है और बिजनेस में रिस्क उठाने के काबिल बनता है. शुक्र सुख और समृद्धि का कारक है एवं यह ग्रह जीवन में संपन्नता प्रदान करता है. इसलिए कुंडली के तीसरे भाव में शुक्र के विराजमान होने पर वह व्यक्ति अपना बिजनेस करने का साहस दिखाता है. इस योग में क्रिएटिव और लक्ज़री प्रोडक्ट्स का बिजनेस शुरु करना अच्छा रहता है.
दूसरे और ग्यारहवें भाव में शुक्र की स्थिति
यदि कुंडली में शुक्र दूसरे और ग्यारहवें भाव में बैठा हो तो उस जातक को बिजनेस में मुनाफा होता है. साथ ही अगर शुक्र दूसरे भाव का स्वामी होकर तीसरे भाव में बैठा हो और इसकी दृष्टि ग्यारहवे भाव पर पड़ रही हो तो उस जातक की आर्थिक स्थिति में सुधार आता है.
बुध के कारण शुरु होता है बिजनेस
सभी प्रकार की व्यापार से जुड़ी क्रियाएं बुध से प्रभावित होती हैं. प्रोफेशनल क्षेत्र में किसी व्यक्ति का प्रदर्शन कुंडली में बुध की स्थिति पर निर्भर करता है. यदि कुंडली में बुध शुभ स्थान में बैठा हो तो चह जातक अपनी बुद्धि से अपने व्यापार को सफल बनाने में कामयाब होता है.
बुध के शुभ प्रभाव में व्यक्ति व्यावहारिक और कुशल बनता है. यदि कुंडली में बुध दसवें भाव का स्वामी होकर ग्यारहवें भाव में बैठा हो तो वह व्यक्ति अपने बिजनेस में अच्छा मुनाफा कमाता है. अगर कुंडली में कारक ग्रह शुभ और मजबूत स्थिति में हों तो वह व्यक्ति अपने निर्णय लेने में ज़रा भी देरी नहीं करता है.
बुध का दूसरे, ग्यारहवें और छठे भाव से सीधा संबंध होने पर जातक बौद्धिक कार्यों से धन अर्जित करता है.
सातवें भाव में शनि और शुक्र की उपस्थिति
कुंडली का सातवां भाव भी व्यापार से संबंधित होता है. अगर शनि और शुक्र सातवें भाव में बैठे हों या इन दो ग्रहों की सातवें भाव पर दृष्टि पड़ रही हो तो वह व्यक्ति पार्टनरशिप में बिजनेस करता है. ऐसी स्थिति में जातक को पार्टनरशिप के बिजनेस से फायदा होता है. सेल्स, ट्रांसपोर्ट और कंस्ट्रक्शन के बिजनेस से जुड़े लोगों को इस योग में शुभ फल प्राप्त होते हैं.
कुंडली के इन योगों में एक व्यक्ति को अपना व्यापार शुरु करने और उससे मुनाफा कमाने का मौका मिलता है. लेकिन जीवन में सफलता पाने के लिए मेहनत और धैर्य की भी जरूरत होती है.