जानिए किस रत्न को किस धातु में पहनने से मिलता है शुभ फल
रत्नशास्त्र के अनुसार रत्नों को धारण करने से जीवन में सकारात्मकता आती है एवं उस रत्न से संबंधित ग्रह के शुभ फल भी प्राप्त होते हैं। सौरमंडल में नौ ग्रह हैं और इन नौ ग्रहों को अपने पक्ष में करने और इनका सकारात्मक प्रभाव पाने के लिए रत्न धारण किए जाते हैं।
ग्रहों को मजबूती प्रदान करने के लिए भी रत्न पहने जाते हैं। रत्न अपना असर तो दिखाते हैं लेकिन इन्हें किस धातु में पहना जा रहा है, ये बात भी महत्वपूर्ण होती है।
आज हम आपको बता रहे हैं कि रत्नशास्त्र के अनुसार किस रत्न को कौन-सी धातु में पहनना शुभ फलदायक रहता है।
माणिक्य
सूर्य के रत्न माणिक्य यानि रूबी को तांबे या सोने की धातु में पहनना चाहिए। माणिक्य रत्न करियर में सफलता पाने के लिए बहुत लाभकारी होता है।
पन्ना
बुध का रत्न है पन्ना जिसे सोने की धातु में पहनना शुभ माना जाता है। पन्ना रत्न धारण करने से बुध के शुभ फल प्राप्त होते हैं और आंखों की रोशनी भी तेज होती है।
मोती
चंद्रमा का रत्न है मोती जो मन और मस्तिष्क को शांति प्रदान करता है। मोती हमेशा चांदी की धातु में ही पहना जाना चाहिए। मोती को कभी भी सोने की धातु में नहीं पहना जाता है।
नीलम
शनि देव का रत्न है नीलम। इस रत्न को शनि को और मजबूत करने के लिए पहना जाता है। ये रत्न अगर किसी को सूट ना करे तो वह व्यक्ति बर्बाद हो सकता है। नीलम रत्न को सोने या प्लैटिनम की धातु में धारण करें।
पुखराज और मूंगा
बृहस्पति का रत्न है पुखराज और मूंगा का स्वामी ग्रह है मंगल। पुखराज और मूंगा दोनों ही रत्नों को सोने की धातु में धारण करना चाहिए।
गोमेद और लहसुनिया
राहु का रत्न है गोमेद और केतु का रत्न है लहसुनिया। गोमेद और लहसुनिया रत्न को अष्टधातु या त्रिलोह में बनवाकर धारण करें।
रत्नशास्त्र के अनुसार इन नौ ग्रहों के लिए विशेष रूप से नौ रत्न निर्धारित किए गए हैं जिन्हें धारण करने से उनसे संबंधित ग्रह के शुभ फल प्राप्त होते हैं।