जानिए शास्त्रों में क्यों वर्जित है किन्नर के घर का भोजन !
इन लोगों के घर का खाना वर्जित होता है – कहते हैं कि जैसा भोजन होता है उसे खाने वाले के आचार-विचार भी वैसे ही होते हैं।
शास्त्रों में भोजन करने के स्थान को भी बहुत महत्व दिया गया है। इसी प्रकार गरुड़ पुराण के अनुसार कुछ ऐसे स्थानों के बारे में बताया गया है जहां भोजन ग्रहण करने से चरित्र और मस्तिष्क दोनों ही दूषित हो जाते हैं। साथ ही कुछ ऐसे लोगों के बारे में भी उल्लेख किया गया है जिनके हाथ का भोजन ग्रहण करने से मन और मस्तिष्क को संक्रमित माना जाता है। ऐसे लोगों के हाथ का बना खाना वर्जित माना गया है।
तो चलिए जानते हैं कि हिंदू शास्त्र के अनुसार इन लोगों के घर का खाना वर्जित होता है ।
इन लोगों के घर का खाना वर्जित होता है
1 – चरित्रहीन स्त्री
शास्त्रों में कहा गया है कि जो व्यक्ति किसी चरित्रहीन स्त्री के घर का पानी भी पीता है वो उस स्त्री के पापों को भी अपने सिर ले लेता है। गरुड़ पुराण के अनुसार अनैतिक कार्यों में लिप्त रहने वाली महिला के हाथ से बने भोजन का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए।
2 – ब्याज लेने वाला व्यक्ति
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि ब्याज पर पैसे देना और उसे सूद समेत वापिस लेना किसी निर्धन की मजबूरी का फायदा उठाने जैसा है। ऐसा कृत्य करने वाला व्यक्ति दुराचारी और अत्याचारी कहलाता है। साथ ही जो व्यक्ति ऐसे इंसान के घर का भोजन ग्रहण करता है वह उसके पापों को भी अपने सिर ले लेता है।
3 – रोग से पीडित व्यक्ति
अगर कोई व्यक्ति गंभीर रोग से पीडित है या किसी असाध्य रोग से ग्रसित है तो आपको उसके घर का भोजन नहीं खाना चाहिए। ऐसा करने से आप भी उस रोग की चपेट में आ सकते हैं।
4 – क्रोधी व्यक्ति
क्रोध किसी और का नहीं बल्कि स्वयं का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। गरुण पुराण में बताया गया है कि किसी क्रोधी व्यक्ति के घर का भोजन करने से आपमें भी उस व्यक्ति के अवगुण आने लगते हैं और आपकी बुद्धि भी भ्रष्ट हो जाती है।
5 – किन्नरों के घर का भोजन
हिंदू धर्म में माना जाता है कि किसी किन्नर से दुआएं पाना बहुत अच्छा होता है। इनकी दुयाओं में बहुत शक्ति होती है और इन्हें दान देना भी शुभ होता है। अर्थात् किन्नर के घर अच्छे-बुरे, अमीर-गरीब सभी के घर का दान आता है इसलिए ये पता लगा पाना मुश्किल होता है कि जो भोजन हम ग्रहण कर रहे हैं वो अच्छा है या बुरा। इस कारण शास्त्रों में किन्नरों के घर का भोजन ग्रहण करना निषेध है।
6 – चुगलखोर
जो व्यक्ति इधर की बात उधर करता है वह अपने आसपास और लोगों के जीवन में फैली अशांति का कारण होता है। ऐसे व्यक्ति के घर का भोजन करना किसी पाप से कम नहीं है। पाप से बचने के लिए ऐसे लोगों के घर का भोजन बिलकुल ग्रहण न करें।
इन लोगों के घर का खाना वर्जित होता है – तो अगर आप स्वयं को पाप का भागीदार नहीं बनाना चाहते हैं तो आप भी कभी अपने जीवन में उपरोक्त लोगों के घर का भोजन ग्रहण न करें वरना आपका जीवन संकट में पड़ सकता है।