चोट्टानिकारा मंदिर – केरल के इस मंदिर में होता है अपंग लोगों का इलाज
चोट्टानिकारा भगवती को समर्पित है केरल का सुप्रसिद्ध चोट्टानिकारा मंदिर . इस मंदिर में चोट्टानिकारा देवी की पूजा की जाती है. इस मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपनी आध्यात्मिक प्यास बुझाने और मां भगवती की आराधना करने आते हैं. यहां आने वाले श्रद्धालुओं को देवी भगवती का आशीर्वाद मिलता है. केरल के इस खूबसूरत मंदिर में देवी भगवती के तीन रूपों की उपासना की जाती है. मंदिर में सुबह के समय सरस्वती के रूप में देवी भगवती की पूजा होती है तो वहीं दोपहर के समय धन की देवी मां लक्ष्मी के रूप में और शाम के समय मां दुर्गा के रूप में देवी भगवती की पूजा की जाती है.
मंदिर का मुख्य आकर्षण
केरल के चोट्टानिकारा मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है कि यहां पर आने वाले अपंग श्रद्धालु भी स्वस्थ होकर जाते हैं. इसके अलावा चोट्टानिकारा मंदिर में मानसिक रोगों का ईलाज भी किया जाता है. करोड़ों की संख्या में अपंग और मानसिक बीमारी से ग्रस्त लोग इस मंदिर में अपने ईलाज के लिए आते हैं. मान्यता है कि देवी भगवती के आशीर्वाद से भक्तों के सभी दुख और रोग दूर हो जाते हैं और वे स्वस्थ होकर अपने घर लौटते हैं. चोट्टानिकारा मंदिर के परिसर में भगवान शिव, ब्रह्मा जी, भगवान गणेश, सुब्रमण्या और सस्था जैसे देवताओं की मूर्तियां लगी हुईं हैं. केरल के इस सुप्रसिद्ध मंदिर में हर साल मार्च के महीने में एक खास उत्सव मनाया जाता है. इस उत्सव को चोट्टानिकारा मकम तोझल के नाम से जाना जाता है.
मंदिर से जुड़ी है खास मान्यता
इस मंदिर में देवी भगवती की विशाल सोने की मूर्ति स्थापित है. बुरी प्रेत-आत्माओं और बुरी ऩजर से बचने के लिए श्रद्धालु इस मंदिर से नीम की पत्तियां नीबू और मिर्च लेकर जाते हैं. कहते हैं कि इस मंदिर से ये चीज़े ले जाकर अपने घर पर रखने से उस घर और वहां रहने वाले लोगों को कभी किसी की बुरी नज़र नहीं लगती है.
एरनाकुलाथपन मंदिर
केरल आने वाले श्रद्धालु चोट्टानिकारा मंदिर के अतिरिक्त एरनाकुलाथपन मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं. यह मंदिर भी चोट्टानिकारा में ही स्थित है. एरनाकुलाथपन मंदिर में विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है. यह मंदिर केरल शैली में बना हुआ है. चोट्टानिकारा आने वाले श्रद्धालु भगवान शिव के इस मंदिर के दर्शन करना न भूलें.
और क्या देखें
केरल आने वाले दर्शनार्थी इस खूबसूरत पर्यटन स्थल के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के दर्शन कर सकते हैं. केरल को भारत का सबसे सुंदर शहर माना जाता है इसलिए यहां पर पर्यटन और तीर्थस्थल की दृष्टि से कई दर्शनीय स्थल हैं. इसके अलावा आप केरल में बीच का मज़ा भी ले सकते हैं.
कैसे पहुंचे चोट्टानिकारा मंदिर
केरल के चोट्टानिकारा मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन अलुवा रेलवे स्टेशन है. इस मंदिर तक पहुंचने के लिए नज़दीकी हवाई अड्डा कोच्चि एयरपोर्ट है. यहां से आगे जाने के लिए बस और टैक्सी की सुविधा आसानी से मिल जाती है. सड़क मार्ग से भी यह क्षेत्र सुगमता से जुड़ा हुआ है. अत: आप सड़क मार्ग के भी ज़रिए चोट्टानिकारा मंदिर पहुंच सकते हैं.