150 सालों में 7000 मज़दूरों ने बनाया था ये अनोखा शिव मंदिर !
एलोरा कैलाश मंदिर – महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित एलोरा गुफाओं में बना कैलाश मंदिर बेहद खूबसूरत और भव्य है।
इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें बनी शिव की मूर्ति सिर्फ एक ही पत्थर की शिला से बनाई गई है और ये दुनियाभर में एकमात्र ऐसी मूर्ति है।
इस मंदिर के निर्माण में 150 वर्षों का समय लगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मंदिर को बनाने में लगातार 150 सालों तक 7000 मजदूर काम करते रहे।
महाराष्ट्र के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में एलोरा कैलाश मंदिर भी है। वास्तुकारों की मेहनत से ये मंदिर हिमालय के कैलाश से कुछ कम नहीं है। भगवान शिव का समर्पित ये मंदिर पवर्त की ठोस चट्टान को काटकर बनाया गया है।
ये एलोरा कैलाश मंदिर खूबसूरत एलोरा की गुफा संख्या 16 में स्थित है।
इस एलोरा कैलाश मंदिर को बनाने में 20 पीढियां गुज़र गईं। इस मंदिर को पहाड़ को ऊपर से नीचे की ओर तराशकर बनाया गया है। भारतीय शिल्पकला का ये बेजोड़ नमूना है। मंदिर में भगवान शिव के अतिरिक्त भगवान विष्णुऔर महाभारत काल और रामायण के सभी पात्रों की मूर्तियां बनी हुईं हैं।
एलोरा कैलाश मंदिर में विशाल और भव्य नक्काशी की गई है जिसे देखकर यहां आने वाले श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
राष्ट्रकूट वंश के शासन के दौरान विरुपाक्ष मंदिर से प्रेरित होकर कैलाश मंदिर का निर्माण किया गया है। इस मंदिर में प्रवेश द्वार के अलावा एक बेहद खूबसूरत मंडप भी है। मंदिर की सभी मूर्तियां को बड़े सुंदर आभूषणों और वस्त्रों से सजाया गया है।
अनुमान है कि पहाड़ काटकर बनाए गए इस मंदिर से 30 लाख पत्थर कटे हैं और तब जाकर इस मंदिर का निर्माण संभव हो पाया है।
कैसे हुआ निर्माण
एलोरा कैलाश मंदिर के निर्माण कार्य में सबसे पहले खंड को अलग किया गया और उसके बाद इस पर्वत खंड को भीतर और बाहर से काटकर 90 फुट ऊंचा तक गढ़ा गया। मंदिर के अंदर और बाहर हर जगह मूर्तियां लगी हुई हैं। इस मंदिर के आंगन के तीन और कोठरियों की पांत थी जो एक सेतु द्वारा मंदिर के ऊपरी खंड से संयुक्त थी किंतु अब यह सेतु गिर गया था। मंदिर के खुले मंडप में नदी भी है जिसके दोनों ओर विशालकाय हाथी के स्तंभ है। इन हाथियों को देखकर भारतीय शिल्पकला का पता चलता है। मंदिर की खूबसूरती और बेजोड़ शिल्पकला यहां आने वाले श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।
कैसे पहुंचे
सड़क मार्ग -: औरंगाबाद से अजंता 100 किमी औी एलोरा से सिर्फ 30 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां से आपको मंदिर तक पहुंचने के लिए प्राइवेट बस या टैक्सी आसानी से मिल जाएगी।
रेल मार्ग -: मुंबई और पुणे से आसानी से औरंगाबाद पहुंचा जा सकता है। एलोरा की गुफाओं से जलगांव रेलवे स्टेशन निकटतम स्टेशन है।
वायु मार्ग -: महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित कैलाश मंदिर तक पहुंचने के लिए चिकलथाना एयरपोर्ट सबसे निकटतम हवाई अड्डा है।
औरंगाबाद में स्थित एलोरा कैलाश मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको आसानी से बस और टैक्सी मिल जाएगी। महाराष्ट्र आने वाले पर्यटन और श्रद्धालु इस मंदिर के दर्शन जरूर करते हैं।