पितृ पक्ष के दौरान अगर इन बातों का रखेंगे ध्यान तो पितृ प्रसन्न होंगे
मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान पितृों को पिंडदान करने से उनकी कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। भाद्रपद की पूर्णिमा को आश्विन कृष्णपक्ष से आरंभ होकर पितृ पक्ष अमावस्या पर समाप्त होता है। इन दिनों में अपने मृत परिजनों का श्राद्ध करने का विधान है।
कहते हैं कि पितृ पक्ष के दौरान पूर्वज अलग-अलग रूपों में अपने परिजनों के यहां आते हैं। यदि पितृ पक्ष के दौरान आपके पूर्वज आपसे प्रसन्न हो गए तो वे आपको दीर्घायु, संतति, सुख और समृद्धि का वरदान देते हैं।
पितृ पक्ष के दौरान आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं इन बातों के बारे में :-
– पितृ पक्ष के दौरान किसी भी व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए। श्राद्ध के दिनों में आपके पित्तर ना जाने किस रूप में आपके दरवाज़े पर आ जाएं, इसलिए श्राद्ध के दिनों में अपने घर आए किसी भी व्यक्ति को खाली हाथ ना लौटने दें।
– पितृों की आत्मा की शांति के लिए पीपल के पेड़ के नीचे घी का दीया जलाएं। पितरों के नाम पर स्कूल, अस्पताल या धर्मशाला बनवाने से भी उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
– श्राद्ध के दिनों में पिंडदान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
– अगर आप पितरों की शांति के ज्यादा कुछ करने का सामर्थ्य नहीं रखते हैं तो उनके मोक्ष की कामना करते हुए मोटा अनाज, जंगली फल या साग किसी ब्राह्मण को दान करें।
– पितृ पक्ष में तर्पण के लिए अपने पूर्वजों की पसंद का भोजन बनाना चाहिए। इससे वे जल्दी प्रसन्न होते हैं और आपको आशीर्वाद देते हैं।
– अगर पितृ आपसे नाराज़ हो गए तो आपको अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है। कर्ज से घिर जाना, आयु में कमी और पैसों की तंगी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
अगर आप इस प्रकार की समस्याओं से बचना चाहते हैं तो पितृ पक्ष के दौरान इन बातों का जरूर ध्यान रखें।