पितृ पक्ष में क्यों नहीं करते नई चीज़ों की खरीदारी
पितृ पक्ष में – हिंदू धर्म में पितृ पक्ष के दौरान शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है।
मान्यता है कि श्राद्ध के दिन अशुभ होते हैं और इन दिनों में हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती पर आते हैं। पितृ यह जानने आते हैं कि पितृ पक्ष के दौरान हम उनके लिए क्या करते हैं।
यदि पितृ आपसे प्रसन्न हो जाएं तो वो आपकी झोली खुशियों से भर देते हैं।
पितृ पक्ष को मानते हैं अशुभ समय
शास्त्रों में पितृ पक्ष एवं श्राद्ध के समय को अशुभ समय माना जाता है। इन दिनों में घर में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है और ना ही किसी तरह का उत्सव मनाया जाता है। इन दिनों कोई नया कपड़ा और नई चीज़ भी खरीदना वर्जित माना जाता है।
पितृ पक्ष में पितृ रहते हैं साथ
माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान हर समय आपके पितरों की आत्मा आपसे जुड़ी रहती है। इसलिए श्राद्ध के दिनों में पितरों की आत्मा की शांति के लिए उनका तर्पण और पूजन किया जाता है।
पितृ पक्ष में पितरों के लिए निकालें समय
जीवन को सुखमय और खुशहाल बनाना चाहते हैं तो अपने पितरों को थोड़ा समय दें। पितृ पक्ष के दौरान अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए कुछ प्रकार के कार्यों को करने की मनाही है इसलिए आपको इन कार्यों से दूर रहना है।
पितृ पक्ष में इसलिए होता है तर्पण
मान्यता है कि पितृ पक्ष के दौरान पितृ लोक में पानी की कमी हो जाती है जिसे पूरा करने के लिए हमारे पूर्वज धरती पर तर्पण करवाने आते हैं।
पितृ पक्ष का समय महत्वपूर्ण तो होता ही है साथ ही अशुभ भी माना जाता है। इसलिए पितृ पक्ष में विवाह, सगाई, ग्रह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। ये समय केवल अपने पूर्वजों को स्मरण करने के लिए होता है इसलिए आपको श्राद्ध के दिनों में केवल अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए उनका पूजन करना चाहिए।