सिर्फ काले रंग के कपड़े के दान से ही क्यों प्रसन्न होते हैं शनि देव ?
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सौरमंडल में कुल नौ ग्रह हैं और यही नौ ग्रह व्यक्ति की कुंडली में भी प्रभाव डालते हैं।
इन्हीं नौ ग्रहों के आधार पर व्यक्ति के सुख और दुख निर्भर करते हैं। ये सभी ग्रह अपना-अपना अलग प्रभाव डालते हैं। कोई ग्रह शुभ फल देता है तो कोई अशुभ परिणाम देने के लिए प्रसिद्ध है।
शास्त्रों के अनुसार नौ ग्रहों में से तीन ग्रह ऐसे हैं जिनके नाम से ही इंसान कांपने लगता है, ये तीन ग्रह हैं – शनि, राहू और केतु।
राहू और केतु तो फिर भी छाया ग्रह हैं जो अपने साथ बैठे ग्रह के अनुसार भी फल दे सकते हैं किंतु शनि के प्रकोप से बच पाना मुश्किल काम है। शनि के प्रकोप से तो इंसान ही नहीं बल्कि देवता भी कांपते हैं। अगर शनि देव किसी से रुष्ट हो जाएं तो उस व्यक्ति को बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता। यदि कुंडली में शनि देव कमज़ोर स्थिति या नीच स्थान में बैठे हैं तो उस जातक को अपने जीवन में अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है।
कूपित शनि से प्रभावित व्यक्ति के जीवन में उथल-पुथल मची रहती है। शनि के प्रकोप से बचने के लिए ज्योतिषशास्त्र में कई उपाय भी बताए गए हैं।
मान्यता है कि शनिवार के दिन शनि देव का तेल व काले तिल चढ़ाने से वे प्रसन्न हो जाते हैं। इसके अलावा शनि देव का प्रसन्न करने के लिए ज्योतिषशास्त्र में और भी कई उपाय बताए गए हैं।
शनि देव के बुरे प्रभाव को कम करने के लिए काले कपड़ों के दान का महत्व भी बताया गया है।
इसलिए शनि देव को पसंद है काला कपड़ा
ज्योतिषशास्त्र में शनि देव को श्यामवर्ण बताया गया है एवं काला रंग आलस का प्रतीक होता है। अशुभ शनि को शुभ बनाने के लिए लोहे और काली चीज़ों का दान किया जाता है। ज्योतिष में हर ग्रह का एक प्रिय रंग है एवं प्रत्येक ग्रह को प्रसन्न करने के लिए उससे संबंधित वस्तु का दान किया जाता है। इसलिए अशुभ शनि के प्रभाव को कम करने के लिए काली चीज़ों का दान किया जाता है क्योंकि शनि देव का काला रंग पसंद है। काली चीज़ों का दान करने से शनि का दोष कम हो जाता है।