सफलता पाने के लिए करें सूर्य देव के इन 2 मंत्रो का जाप !
सूर्य देव की उपासना – ज्योतिषशास्त्र में सूर्य देव को सौरमंडल के अन्य सभी ग्रहों और नक्षत्रों का आधिपति कहा गया है।
सूर्य देव सफलता का कारक हैं। सूर्य की शुभ स्थिति में जीवन में सफलता प्राप्त होती है। करियर और अन्य किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए सूर्य देव की उपासना की जाती है।
वहीं सूर्य के अशुभ स्थिति में होने पर जातक को अग्नि रोग, जलन, अतिसार और अन्य रोग घेर लेते हैं। सूर्य देव की उपासना से त्वचा से संबंधित रोग, कुष्ठ रोग और नेत्र आदि रोग दूर हो जाते हैं।
नियमित सूर्य देव को नमस्कार करने से भी लाभ होता है।
रोज़ सूर्य नमस्कार करने से निरोगी काया, वैभव, दीर्घायु और कार्यकुशलता की प्राप्ति होती है। इसके अलावा सूर्य को सुबह के समय अर्घ्य देने से भी कई लाभ होते हैं। रोज़ सुबह सूर्य को अर्घ्य देने से पुण्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति को दीर्घायु मिलती है। सूर्य देव को जल चढ़ाने से सफलता मिलती है। अगर किसी के करियर में परेशानियां आ रही हैं तो उसे सुबह के समय रोज़ सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए।
सूर्य देव की उपासना में सूर्य को अर्घ्य देते समय इन मंत्रों का जाप अवश्य करें -:
ऊं ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजी राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
ऊं सूर्याय: नम:, ऊं आदित्याय नम:, ऊं नमो भास्कराय नम:।
अर्घ्य समर्पयामि।।
सूर्य देव का ध्यान करते समय इस मंत्र का जाप करें -:
ध्येय सदा सविष्तृ मंडल मध्यवर्ती।
नारायण: सर सिंजासन सन्नि: विष्ठ:।।
केयूरवान्मकर कुण्डलवानण्डलवान किरीटी।
हारी हिरण्यमय वपधृत शंख चक्र।।
जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाधुतिम।
तमोहरि सर्वपापध्नं प्रणतोsस्मि दिवाकरम।।
सूर्यस्य पश्य श्रेमाणं योन तन्द्रयन्ते।
चरश्चरैवति चरेवेति।।
सूर्य देव के इन मंत्रों का जाप करने से जीवन के सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
सूर्य देव की आराधना करने के लाभ -:
– जो व्यक्ति रोज़ सूर्य देव की आराधना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
– सूर्य देव की उपासना से व्यक्ति में मुश्किलों का सामना करने की शक्ति आती है। सूर्य देव के तेज से व्यक्ति में धैर्य और बल की वृद्धि होती है।
– सूर्य के शुभ प्रभाव में व्यक्ति निडर बनता है एवं उसमें बल आता है। सूर्य की कृपा पाने वाले व्यक्ति को किसी भी चीज़ से डर नहीं लगता है।
– सूर्य देव की पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। वाणी में मधुरता और बुद्धि में बढ़ोत्तरी होती है।
– सूर्य देव की पूजा करने से मनुष्य के मन से अहंकार दूर होता है और उसमें लोभ की भावना नगण्य रह जाती है।
सूर्य देव की पूजा के नियम
– सूर्यदेव की पूजा करने से पहले स्नान एवं नित्यकर्म से निवृत्त हो जाना चाहिए।
– स्नान के पश्चात् सूर्य देव को तीन बार अर्घ्य देने का नियम है।
– संध्या के समय भी सूर्य देव को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है।
– सूर्य देव की आराधना पूरे मन और श्रद्धा से करें।
– सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए आदित्यह्रदयस्तोत्र का पाठ करें।
इस तरह से सूर्य देव की उपासना करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो है